कोवैक्सीन से पता चली भारत की वैक्सीन निर्माण क्षमता : प्रोफेसर बलराम भार्गव

0
393

लखनऊ। कोवैक्सीन के विकास ने ये सिद्ध किया कि भारत वैक्सीन के विकास से लेकर निर्माण तक हर प्रोसेस में पारंगत हैं और आवश्यकता होने पर तेजी से टीकों का निर्माण कर  सकता है।

ये बात सीएसआईआर-सीडीआरआई के 71वें वार्षिक दिवस समारोह में आईसीएमआर के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव ने प्रतिष्ठित 47वां सर एडवर्ड मेलनबी मेमोरियल व्याख्यान में कही।

सीएसआईआर-सीडीआरआई लखनऊ का 71वां वार्षिक दिवस समारोह आयोजित

स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय) के सचिव भी प्रोफेसर बलराम भार्गव ने “गोइंग वायरल: मेकिंग ऑफ कोवैक्सिन द इनसाइड स्टोरी” पर सम्बोधन में कहा कि विश्वास, पारदर्शिता, समयबद्धता और पारस्परिक सम्मान सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से रिकॉर्ड समय में कोवैक्सिन के विकास हेतु सफलता की कुंजी बना है।

उन्होंने आगे उल्लेख किया कि कोविड 19 महामारी से निपटने के लिए, भारत सरकार ने तालाबंदी के प्रबंधन के लिए गौतम बुद्ध के मध्यम मार्ग का अनुसरण किया। ये काफी संतुलित था जो न तो चीन की तरह बहुत सख्त था और न ही यूरोपीय देशों की तरह बहुत ही उदार।

उन्होंने कहा कि  कोवैक्सीन के निर्माण की कहानी वैज्ञानिक जगत के लिए प्रेरक उदाहरण है। डॉ.शेखर सी.माण्डे (सचिव, डीएसआईआर एवं महानिदेशक सीएसआईआर) ने टीम सीएसआईआर-सीडीआरआई को बधाई देते हुए हेल्थकेयर और फार्मास्युटिकल उद्योग में योगदान के लिए सभी स्टाफ की प्रतिबद्धता पर अपना विश्वास दिखाया।

पिछले एक साल में ये रही संस्थान की उपलब्धि

डॉ.डी.श्रीनिवास रेड्डी (निदेशक सीएसआईआर-सीडीआरआई) ने पिछले एक वर्ष में संस्थान की उपलब्धियों के बारे में बताया। इस दौरान संस्थान ने यूएसएफडीए के नियमों के अनुसार अस्थि-स्वास्थ्य संबंधी विकारों के उपचार के लिए एक वानस्पतिक दवा के रूप में आगे विकास के लिए एवेता बायोमिक्स इंक. यूएसए को डलबरजिया सिस्सू (शीशम) का अमेरिकी पेटेंट (US 10,292,994,B2) लाइसेंस दिया है।

ये भी पढ़े : सीएसआईआर-सीडीआरआई का 71वां वार्षिक दिवस 17 फरवरी को

इसके अलावा, दो प्रभावी नई दवाएं S007-867 (एंटीथ्रोम्बोटिक प्रत्याशी दवा) और S007-1500 (फ्रैक्चर हीलिंग प्रत्याशी दवा) को आगे के सहयोगात्मक विकास के लिए उद्योग भागीदारों को लाइसेंस दिया गया है। दोनों आईएनडी (इनवेस्टिगेशनल न्यू ड्रग) के लिए प्रथम चरण के नैदानिक ​​परीक्षण शीघ्र ही शुरू होंगे।

संस्थान में मलेरिया, लीशमैनियासिस, कैंसर, न्यूरोपैथिक दर्द, स्ट्रोक, बीपीएच, आदि सहित राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न रोग क्षेत्रों के लिए नई लीड और प्रत्याशी दवाओं की एक समृद्ध पाइपलाइन (शृंखला) तैयार है।

रैपिड फ्रैक्चर-हीलिंग की प्रत्याशी दवा की तकनीक हस्तांतरित

निदेशक डॉ.डी.श्रीनिवास रेड्डी ने सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ और ट्रोइका फार्मास्युटिकल प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद के बीच संस्थान की प्रभावी रैपिड फ्रैक्चर-हीलिंग हेतु प्रत्याशी दवा (S007-1500) की तकनीक के आगे के विकास, निर्माण और व्यावसायीकरण करने के लिए एक लाइसेंस समझौते की घोषणा की।

इसका उद्देश्य सीडीआरआई की इस प्रत्याशी दवा हेतु ट्रोइका फार्मास्युटिकल की नैदानिक ​​विकास, निर्माण और व्यावसायीकरण में व्यापक विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए दवा विकास कार्यक्रम को गति प्रदान करना है, जिस से ये आम जन को शीघ्र उपलब्ध हो सके।

टीम लीडर डॉ.अतुल गोयल और डॉ.दिव्या सिंह ने बताया, वर्तमान में हड्डी के फ्रैक्चर के उपचार हेतु  मुंह से लेने वाली (ओरल) कोई भी दवा उपलब्ध नहीं है।

सीएसआईआर-सीडीआरआई ने रैपिड फ्रैक्चर-हीलिंग एजेंट के रूप में एक नया छोटा अणु S007-1500 (नई रासायनिक इकाई) विकसित किया है। जिसका विभिन्न जन्तु मॉडलों में प्रभावकारिता और सुरक्षा संबंधी अध्ययन किए जा चुके हैं। सीएसआईआर-सीडीआरआई ने सीडीएससीओ, भारत द्वारा प्रथम चरण क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति भी प्राप्त कर ली है।

ये भी पढ़े : सीडीआरआई ने दिया न्यूक्लिक एसिड स्टेनिंग डाई की प्रौद्योगिकी का लाइसेंस

ट्रोइका अहमदाबाद के कार्यकारी निदेशक डॉ. अशील पटेल ने कहा कि ट्रोइका जन्तु मॉडलों में सफल परीक्षणों के पश्चात अब मनुष्यों में एस007-1500 की सुरक्षा एवं प्रभावकारिता का मूल्यांकन कर हड्डी के फ्रैक्चर के तेजी से उपचार के लिए शीघ्र ही एक उपचार विकल्प के रूप में इस दवा को लाना चाहते है।वार्षिक रिपोर्ट-2021-22 का विमोचन मंच पर गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया।

औषधि अनुसंधान में इनको मिले सीडीआरआई पुरस्कार-2022

औषधि अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित सीडीआरआई अवार्ड्स-2022 की घोषणा भी की गई। ये पुरस्कार इस साल सितंबर में सीएसआईआर के स्थापना दिवस पर प्रदान किए जाएंगे।

रसायन विज्ञान श्रेणी में औषधि अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित सीडीआरआई पुरस्कार 2022 हेतु संयुक्त रूप से  डॉ.अलकेश बिसाई, प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग, आईआईएसईआर कोलकाता और डॉ.एसएसवी रामशास्त्री, एसोसिएट प्रोफेसर, आईआईएसईआर मोहाली का चयन किया गया है।

जीवन विज्ञान श्रेणी में, डॉ.मदिका सुब्बा रेड्डी, स्टाफ वैज्ञानिक-वी, डीएनए फिंगरप्रिंटिंग और निदान केंद्र, हैदराबाद और डॉ.अमित अवस्थी, एसोसिएट प्रोफेसर, टीएचएसटीआई, फरीदाबाद को सीडीआरआई पुरस्कार 2022 हेतु संयुक्त रूप से चुना गया है।

सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी, पेटेंट और प्रकाशन के लिए वार्षिक पुरस्कार-2021
  • सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी पुरस्कार-2021 हेतु स्वदेशी क्यूआरटी-पीसीआर परीक्षण किट के विकास के लिए फ्लोरोसेंट डाई (CDRI-KD1) और क्वेंचर्स (CDRI-KQ3, CDRI-KQ4) की तकनीक (बायोटेक डेस्क प्रा. लिमिटेड, हैदराबाद को प्रौद्योगिकी हस्तांतरित) तथा “ए नॉवेल स्मॉल मॉलिक्यूल एंटीप्लेटलेट कंपाउंड S007-867” (मार्क लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ को प्रौद्योगिकी हस्तांतरित) के विकासकर्ताओं को संयुक्त रूप से
  • डॉ. मृदुला कम्बोज प्रौद्योगिकी पुरस्कार-2021 के लिए  “कोविद -19 के संभावित उपचार के रूप में उमीफेनोविर के विकास” की प्रौद्योगिकी को
  • सर्वश्रेष्ठ पेटेंट पुरस्कार-2021 ऑस्ट्रेलिया में पेटेंटेड “न्यूरो प्रोटेक्टिंग एजेंट की डिलीवरी के लिए उपयोगी एक फॉर्मूलेशन” को
  • सर्वश्रेष्ठ प्रकाशन पुरस्कार-2021, हेतु सात से अधिक  इंपेक्ट फेक्टर वाले ग्यारह शोध पत्र को वार्षिक प्रोत्साहन पुरस्कार
रिसर्च स्कॉलर्स के लिए एकेडमिक करियर अचीवमेंट अवार्ड्स-2022
विशिष्ट कैरियर उपलब्धि पुरस्कार-2022:
  • डॉ.एमएम धर मेमोरियल डिस्टिंग्विश्ड करियर अचीवमेंट अवार्ड-2022 (रसायन विज्ञान श्रेणी) : अनुज कुमार
  • डॉ.एमएम धर मेमोरियल डिस्टिंग्विश्ड करियर अचीवमेंट अवार्ड-2022 (जैविक विज्ञान श्रेणी)  : मुश्ताक नेंगरू
  • डॉ.जेएम खन्ना मेमोरियल डिस्टिंग्विश्ड अवार्ड-2022 (प्री-क्लिनिकल एंड क्लिनिकल साइंसेज): सैयद अनीस अहमद
अर्ली करियर अचीवमेंट अवार्ड्स-2022:
  • डॉ.जेएम खन्ना मेमोरियल अवार्ड 2022 (संयुक्त रूप से) : अशफाक अहमद, कृष्ण भान सिंह
  • महिला अनुसंधानकर्ताओं को डॉ स्वर्ण नित्य आनंद अवार्ड 2022 : देबलीना रॉय
  • डॉ:डीएल श्रीवास्तव मेमोरियल अवार्ड 2022 : मयूर दिलीपराव अंबुले

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here