एनडीए समर्थित उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भारत के नए उपराष्ट्रपति बने। उपराष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में उन्हें 452 मत मिले, जिससे उनकी जीत पक्की हुई।
चुनाव आयोग के अनुसार, उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 788 सांसदों को वोट डालने का अधिकार था, लेकिन 7 सीटें रिक्त होने के कारण प्रभावी मतदाता संख्या 781 रही।
मंगलवार को हुए मतदान में 768 सांसदों ने भाग लिया, जबकि 13 सांसद अनुपस्थित रहे। अनुपस्थित रहने वालों में बीआरएस के 4, बीजद के 7, शिरोमणि अकाली दल के 1 और एक निर्दलीय सांसद थे।
एनडीए के कुल 427 सांसदों ने मतदान में हिस्सा लिया, जिससे राधाकृष्णन की जीत को मजबूती मिली। उनके मुकाबले इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी थे।
चुनाव से पहले सीपी राधाकृष्णन ने लोधी कॉलोनी स्थित श्रीराम मंदिर में दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर से बाहर निकलने के बाद उन्होंने आत्मविश्वास के साथ कहा था, “यह भारतीय राष्ट्रवाद की एक बड़ी जीत होगी। हम सब एकजुट हैं और हमारा लक्ष्य है ‘विकसित भारत’। यह जीत उसी दिशा में हमारा मार्ग प्रशस्त करेगी।”
नई दिल्ली स्थित नए संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान चला, जिसके बाद मतगणना में राधाकृष्णन की निर्णायक जीत घोषित हुई।
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