लखनऊ : सीएसआईआर-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआई) लखनऊ ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ 2023) का एक उत्सव-पूर्व कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें केंद्रीय विद्यालय आईआईटी कानपुर, कानपुर (यूपी) के 100 छात्रों एवं 4 शिक्षकों के एक समूह ने भाग लिया।
इस स्टूडेंट साइंटिस्ट कनेक्ट कार्यक्रम का आयोजन अमृत काल में पब्लिक आउटरीच के तत्वावधान में “जिज्ञासा” के तहत किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा छात्रों को विज्ञान में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना एवं विशेष रूप से ड्रग डिस्कवरी और अनुसंधान के रोमांचक क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कराना था।
सीएसआईआर-सीडीआरआई में जिज्ञासा के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव यादव ने छात्रों का स्वागत किया, उन्होने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान की।
उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री की परिकल्पना के तहत भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव कार्यक्रम ‘समाज के लिए विज्ञान’ विषय के साथ वर्ष 2015 में शुरू किया गया था। आईआईएसएफ का मुख्य उद्देश्य भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी को सभी के सम्मुख लाना एवं उन्हें सभी के लिए सुलभ बनाना है।
छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत के दौरान, उन्होंने औषधि अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में सीएसआईआर-सीडीआरआई द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने वैज्ञानिक ज्ञानाधार को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता और बड़े वैज्ञानिक समुदाय में योगदान देने में इसकी भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
छात्रों को विभिन्न वैज्ञानिक प्रभागों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करते हुए, प्रयोगशालाओं में भ्रमण एवं वैज्ञानिकों से विचार विमर्श का अवसर मिला। वनस्पति विज्ञान प्रभाग में, डॉ. डीके मिश्रा ने सीडीआरआई में चल रहे शोध को प्रदर्शित करते हुए औषधीय पौधों का एक व्यापक अवलोकन प्रदान किया।
छात्रों को हर्बेरियम से परिचित कराया गया, जिसके माध्यम से विभिन्न पौधों की प्रजातियों के बारे में उनकी समझ में वृद्धि हुई। औषधीय एवं प्रक्रिया रसायन विज्ञान विभाग में, डॉ. ऋचा पांडे एवं रणवीर सिंह ने प्राकृतिक उत्पादों से अणु निकालने की प्रक्रिया को समझाया।
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उन्होंने औषधीय विकास में इन अणुओं की प्रभावकारिता की पुष्टि करने के लिए नियोजित वैज्ञानिक सत्यापन विधियों को भी समझाया।
छात्रों के लिए प्रयोगशाला जन्तु सुविधा का दौरा एक आनंददायक अनुभव साबित हुआ, जहां डॉ. हांसदा तथा उनकी टीम ने विभिन्न जन्तु मॉडलों का प्रदर्शन किया एवं औषधि विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया। जिससे छात्रों को अनुसंधान उद्देश्यों के लिए जन्तु मॉडल का उपयोग करने में नैतिक एवं वैज्ञानिक विचारों को समझने का अवसर मिला।