सीएसआईआर-सीमैप ने मनाया अपना स्थापना दिवस समारोह, पढ़ें रिपोर्ट

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सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं संगन्ध पौधा संस्थान (सीएसआईआर-सीमैप), लखनऊ में सोमवार को सीमैप का स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। सीएसआईआर-सीमैप के स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत हुई.

सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी, मुख्य अतिथि दुर्गा शंकर मिश्रा (मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश) तथा विशिष्ट अतिथि डॉ.जीएन सिंह (सलाहकार मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश व पूर्व औषधि महानियंत्रक भारत सरकार) एवं डॉ. मनोज प्रसाद (स्टाफ़ वैज्ञानिक VII, एनआईपीजीआर, नई दिल्ली) ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उदघाटन किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि दुर्गा शंकर मिश्रा (मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश) ने कहा कि सीमैप द्वारा विगत वर्षों औषधीय एवं सगंध के क्षेत्र में किये जा रहे उत्कर्ष कार्य के लिए जिसमे प्रमुख रूप से औषधीय एवं सगंध पौधों की नई-नई प्रजातियों, उन्नत कृषि तकनीकियों व प्रसंस्करण तकनीकियों को विकसित कर, किसानों तक पहुँचाना शामिल है।

इससे किसानों को सीधा लाभ पहुँच रहा है तथा उद्योग जगत को गुणवत्तायुक्त कच्चा माल औषधीय पौधों के रूप मे उपलब्ध हो रहा है। उन्होंने वैज्ञानिकों से आहवाहन किया की अगले 25 वर्षों का रोडमैप बनाएँ कि आपके अनुसंधान द्वारा किस प्रकार 25 वर्षों के बाद भी देश व आमजन मानस का उत्थान हो सके।

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इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ.जीएन सिंह (सलाहकार मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश व पूर्व औषधि महानियंत्रक भारत सरकार) ने कहा कि सीएसआईआर-सीमैप औषधीय एवं सगंध पौधों के क्षेत्र मे अतुल्य कार्य कर रहा है। जिसके अंतर्गत उन्नत प्रजातियों, उन्नत कृषि तकनीकियों एवं उन्नत आसवन इकाइयों का विकास किया गया है।

जिससे किसानों को अच्छी गुणवत्तायुक्त पौध सामग्री मिल रही है । फलस्वरूप किसानों व औषधीय एवं सगंध पौधों से जुड़े उद्योगों को लाभ हो रहा है। डॉ सिंह ने कहा कि मेंथा की खेती से उत्तर प्रदेश ने 7000 करोड़ कि इकॉनमी को हासिल किया है।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ. मनोज प्रसाद (स्टाफ़ वैज्ञानिक VII, एनआईपीजीआर, नई दिल्ली)  “फीडिंग द 10 बिलियन बाइ 2050:  ए जीनोमिक्स पर्सपेक्टिव” विषय पर बताया कि आज भारत तथा विश्व की बढ़ती जनसंख्या को आहार तथा पोषण उपलब्ध कराने मे मिलेट्स (Millets) का अधिक महत्व है

तथा आने वाले समय मे मिलेट्स खाद्यान्न के रूप मे अति महत्वपूर्ण भूमिका विश्व स्तर पर निभा सकते हैं। इसके साथ ही मोटे अनाजों की खेती पर ज़ोर दिया ।

डॉ प्रसाद ने सीमैप के छात्रों तथा वैज्ञानिकों को अभिभाषित करते हुए कहा कि छात्रों को सीखने, समझने, बोलने और प्रयोग करने का वातावरण ही उनकी सफलता कि कुंजी होती है। उन्होंने ये भी बताया छात्रों कि सफलता ही उनके गुरु की सफलता है।

सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने अकहा कि सीमैप लगभग 60 वर्षों से औषधीय एवं सगंध पौधों मे अनुसंधान एवं विकास कार्यों के अंतर्गत औषधीय एवं सगंध पौधों की उन्नत कृषि तकनीकियाँ, उन्नतशील प्रजातियां एवं प्रसंस्करण तकनीकियों को विकसित कर किसानों को उपलब्ध करा रहा है।

जिससे किसानों को सीधा लाभ पहुँच रहा है तथा उनकी आय दुगुनी करने की दिशा मे लगातार प्रयासरत है। इस अवसर पर सीएसआईआर-सीमैप, लखनऊ द्वारा प्रकाशित सीमैप समाचार पत्र (News Letter) का विमोचन माननीय अतिथियों व निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप द्वारा किया गया ।

इस अवसर पर संस्थान द्वारा फूलों से निर्मित सुगंधित अगरबत्ती व कोन तकनीकी को मेसर्स प्रकृति डिवाइन इनसेन्स, गुरुग्राम, हरियाणा को हस्तांतरित की गयी।

तथा अनुबंध पत्र को निदेशक, सीएसआईआर-सीमैप व मिस. मनीषा निगम, मेसर्स प्रकृति डिवाइन इनसेन्स द्वारा एक्स्चेंज किया गया।

इस अवसर पर स्टार्टअप के अंतर्गत मेसर्स वागले, बंगलोर ने सीएसआईआर-सीमैप द्वारा विकसित हर्बल उत्पादों जैसे लिपबाम, पॉलीहर्बल टूथ पेस्ट, एंटी डंड्रफ शैम्पू (जिरेनियम एक्टिव) हेयर ऑइल (सिम-केश), एक्ने प्रिवेंटिव फ़ेसवाश, क्लींजी (हर्बल फ़ेसवाश) उत्पादों को मार्केट करने के लिए मार्केट सीडिंग एग्रीमंट पर हस्ताक्षर किए।

इस समारोह मे सम्मानित अतिथिगण, संस्थान के वैज्ञानिक, कर्मचारी व शोधार्थी आदि उपस्थित रहे। डॉ. अरविंद सिंह नेगी, अध्यक्ष, आयोजन समिति ने सम्मानित अतिथियों का परिचय कराया

डॉ. संजय कुमार कार्यक्रम संयोजक, आयोजन समिति ने सीएसआईआर-सीमैप स्थापना दिवस के अवसर पर धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आकांक्षा सिंह ने किया।

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