एरोमा मिशन परियोजना के अंतर्गत सीएसआईआर-सीमैप मे औषधीय एवं सगंध पौधों की उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों पर किसानों के लिए चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

0
12

सी.एस.आई.आर.-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप), लखनऊ द्वारा एक परियोजना “एरोमा मिशन” चलाई जा रही है। इस परियोजना के अंतर्गत किसानों को औषधीय एवं सगंध पौधों की उन्नत खेती की जानकारी मुहैया कराई जाती है।

इसी क्रम मे किसानों को औषधीय एवं सगंध पौधों की खेत की जानकारी देने हेतु संस्थान द्वारा चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आज दिनांक 13.10.2025 को किया गया, इस कार्यक्रम में देश के 13 राज्यों के 34 जिलों से 53 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

डॉ. संजय कुमार, मुख्य वैज्ञानिक व समन्वयक, प्रशिक्षण कार्यक्रम ने प्रतिभागियों का स्वागत किया एवं प्रशिक्षण की रूपरेखा के बारे में बताया और कहा कि चार दिन चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीमैप के वैज्ञानिक आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती पर विस्तार से चर्चा करेंगे तथा साथ ही प्रसंस्करण एवं भंडारण की तकनीकियों पर भी चर्चा करेंगे जिससे किसानों के उत्पादन को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता को बनाया जा सके और उसका अधिक तथा उचित मूल्य किसानों को मिल सकें।

इन औषधीय एवं सगंध फसलों में मुख्यतः नीबूघास, पामारोजा, जिरेनियम, तुलसी इत्यादि हैं। वर्तमान में इनके तेलों की मांग विश्व बाज़ार में अधिक है।

कार्यक्रम के उदघाटन सत्र मे डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये कि सीएसआईआर-सीमैप पिछले 60 वर्षों से औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती मे किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है, तथा नई-नई कृषि तकनीकी, पौध सामग्री एवं उन्नतशील प्रजातियां किसानों को उपलब्ध करा रहा है।

जिसके फलस्वरूप लाखों किसानों को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचा है। किसानों द्वारा संस्थान की विकसित उन्नत प्रजातियों एवं तकनीकों को अपनाकर देश को मेंथा तथा नीबूघास के तेल के उत्पादन मे विश्व मे प्रथम स्थान बनाया है।

उन्होने आगे कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिभागियों को औषधीय एवं सगंध पौधों के प्रति जानकारी के साथ-साथ उद्योग विकास संबंधी आगे की सोच को मजबूती देने वाली साबित होगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिन प्रतिभागियों को सीमैप मे मानव उपवन व फसलों के प्रदर्शन प्रखण्ड का भ्रमण कराया गया तथा पौधों की पहचान कराई गई।

तकनीकी सत्र मे डॉ. आर. के. लाल ने कैमोमिल व ईसबगोल के उत्पादन की उन्नत तकनीकी प्रतिभागियों से साझा की। डॉ. राम सुरेश शर्मा ने तुलसी की उन्नत कृषि तकनीकी प्रतिभागियों से साझा की।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. ऋषिकेश एन. भिसे द्वारा किया गया तथा डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर सीएसआईआर-सीमैप के विभिन्न वैज्ञानिक, तकनीकी अधिकारी व शोधार्थी आदि उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here