लखनऊ। ईशा फाउंडेशन के वालंटियर्स ने मिट्टी बचाओ के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए आयोजित साइक्लोथॉन के दौरान अपनी साइकिलों पर 6 किमी. का सफर तय किया। इस दौरान साइकिलिस्ट जनेश्वर मिश्र पार्क से लोहिया पार्क और वापस जनेश्वर मिश्र पार्क तक का सफर तय किया।
सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने पिछले माह शुरू किया था मिट्टी बचाओ अभियान
पिछले माह सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा शुरू किए गए इस अभियान में मिट्टी को नष्ट होने से रोकने और पलटने की मुहिम के लिए जागरुकता लाने के साथ नागरिकों का समर्थन जुटाकर और राष्ट्रीय नीति में बदलाव लाना इस अभियान का लक्ष्य है। साइकिलिस्टों ने अभियान की शुरुआत में पहले जनेश्वर मिश्र पार्क में सेव-सॉयल गीत पर नृत्य किया।
इस दौरान पार्क में सुबह घूमने वालों के बीच अपने अभियान के बारे में बताया। वालंटियर्स ने मिट्टी के बारे में लोगों के सवालों के जवाब भी दिए। मुख्य अतिथि पेडल यात्री साइकिलिंग एसोसिएशनल (पीसीए) के महासचिव आनंद किशोर पाण्डेय (सह सचिव, उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन) ने हरी झंडी दिखाकर साइक्लोथॉन की शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि हमने पानी और हवा को बचाने के बारे में सुना है, अब मिट्टी को बचाने का समय आ गया है। मिट्टी हमारे भोजन का स्रोत है, वह अपना उपजाऊपन खो रही है और इसे पलटने के लिए अगर हम अभी कदम नहीं उठाते, तो भविष्य में हमारे पास कृषि योग्य भूमि नहीं बचेगी।
अपने साइकिल सवार मित्रों के साथ, इस अभियान को समर्थन देने में मुझे खुशी हो रही है, और मिट्टी को बचाने हेतु लोगों को जागरूक करने के लिए मैं साइकिल चलाने को सबसे कारगर माध्यमों में से एक मानता हूँ। इस अवसर पर कुषाण सिन्हा, रमेश चंद्र, अरुण मिश्रा, पीके सिंह, आयुष पांडेय,राज स्मृति, दीप्ति वल्लभ, डॉ करुण,डॉ हिमांशी, अतुल मौर्य, रवि, अनन्या, राहुल, विनीत नैंसी व अन्ल्य मौजूद थे।
वर्तमान में सद्गुरु जग्गी वासुदेव मिट्टी को बचाने के अभियान के एक हिस्से के रूप में, यूरोप, मध्य एशिया, और मध्य पूर्व से होकर अकेले मोटरसाइकिल पर 100 दिन तक 30,000 किमी की यात्रा कर रहे हैं। मिट्टी को विलुप्त होने से बचाने हेतु तत्काल नीति-संचालित कार्यवाही के लिए, वे वैश्विक नेताओं, वैज्ञानिकों, पर्यावरण संस्थाओं, मृदा विशेषज्ञों और दूसरे साझेदारों से मिल रहे हैं।
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मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीसीडी) के पार्टियों के सम्मेलन कॉप15 (COP15) के 15वें सत्र में सद्गुरु के आगामी मुख्य भाषण की पृष्ठभूमि में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। वह 195 देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनीतिक नेताओं से मिट्टी बचाने के लिए अपने देशों में नीतिगत सुधारों को लागू करने का आग्रह करेंगे।
सद्गुरु कल 9 मई और 10 मई को कॉप15 (COP15) को संबोधित करेंगे। कॉप15 में सदस्य देशों से ठोस कदम लेने के लिए प्ररित होने की उम्मीद की जाती है, जबकि तेजी से हो रही भूमि की दुर्गति को रोकने और पलटने के लिए धरती के पास समय घटता जा रहा है, जिससे वैश्विक मरुस्थलीकरण और मिट्टी का विनाश हो सकता है।
बताते चले कि संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने चेतावनी दी है कि मरुस्थलीकरण से 2045 तक खाद्यान्न उत्पादन में 40 प्रतिशत तक गिरावट आ सकती है, जबकि दुनिया की जनसंख्या 9 अरब पार कर जाएगी। UNCCD के मुताबिक, अगर भूमि की दुर्दशा मौजूदा गति से जारी रहती है, तो 2050 तक 90 प्रतिशत धरती रेगिस्तान में बदल सकती है।