अनवर जलालपुरी की 76वीं जयंती पर “दास्तान गोई, साज-ए-गजल तथा सेमिनार”

0
127

लखनऊ। हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक पदमश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी की 76वीं जन्म जयंती पर ट्रस्ट द्वारा “दास्तान गोई, साज-ए-गजल तथा सेमिनार” का आयोजन कैफी आज़मी अकादमी, निशातगंज, लखनऊ में किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा सहित हर्ष वर्धन अग्रवाल-संस्थापक एवं प्रबंध न्यासी हेल्प यू ट्रस्ट, पदमश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी के परिवार के सदस्य शाहरयार जलालपुरी, शाहकार जलालपुरी, डॉ जानिसार आलम तथा ट्रस्ट के आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यों ने दीप प्रज्वलन करके किया।

मुख्य अतिथि डॉ दिनेश शर्मा ने अपने कर कमलों से कार्यक्रम “दास्तान गोई, साज-ए-गजल तथा सेमिनार” के प्रतिभागियों का सम्मान किया।

इस अवसर पर प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि पदम श्री अनवर जलालपुरी वास्तव में मोहब्बत के सफ़ीर थे। हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ उनका बहुत गहरा नाता था। अनवर जी ने भगवत गीता को उर्दू में अनुवादित करके पूरे विश्व को भाईचारे और सौहार्द्र का संदेश दिया।

ये भी पढ़ें : राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का निर्वहन ही स्वामी विवेकानन्द को सच्ची श्रद्धांजलि

आज दास्तान गो शुजाउर रहमान तथा शाजिया खान ने दास्तान गोई (दास्तान-ए-गीता) की प्रस्तुतीकरण किया जिसके अंतर्गत उन्होंने पदम श्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी जी की अनुवादित पुस्तक उर्दू शायरी में गीता के श्लोकों को कहानी और शायरी के अनोखे मिश्रण से प्रस्तुत कियाञ

साज-ए-गजल में पदम श्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी जी की मशहूर गजलों को गजल गायक प्रदीप अली तथा आकांक्षा सिंह ने अपनी कर्णप्रिय आवाज में प्रस्तुत किया।

प्रदीप अली ने “मैंकदे से देर से काबा से रुखसत हो गए”, “हवा हो तेज तो शाखों से पत्ते टूट जाते हैं” तथा आकांक्षा सिंह ने “हम्द ना यह दिन ना यह रात बाकी रहेगी ” गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया तथा अनवर साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की।

अनवर जलालपुरी: मोहब्बत के सफीर विषयक सेमिनार में सम्मानित वक्ता गणों ने पदमश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।

जाने माने उर्दू शायर जनाब वासिफ फारुकी ने अनवर जलालपुरी की शायरी और अदबी ख़िदमात व उनकी शख्सियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि, “अनवर जलालपुरी साहब उच्च कोटि के साहित्यकार, मानवता के पैरोकार, शायर और नाजिम-ए-मुशायरा थे।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here