केन्द्र एवम् राज्य सरकार तथा सभी खेल संघों से खेल एवं खिलाड़ी हित में मांग है कि वह देश की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले प्रदेश उत्तर प्रदेश (25 करोड़) का प्रतिनिधित्व करने हेतु समस्त खेलों की एक से अधिक टीमों को प्रतिस्पर्धाओं में स्थान दें,
क्योंकि उत्तर प्रदेश जनसंख्या के आधार पर देश का सबसे बड़ा राज्य (25 करोड़) होने के कारण बहुत से प्रतिभावान खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर ही नहीं मिल पाता है जिससे एक तरफ़ तो उस खिलाड़ी का खेल जीवन ख़तरे में रहता है और वहीं दूसरी तरफ प्रदेश भी खेलों में और अधिक ऊंचाइयों को प्राप्त करने से पीछे रह जाता है।
ऐसे में एक खिलाड़ी होने के नाते मैं खिलाड़ियों की पीड़ा और उनकी भावनाओं को समझते हुए समस्त खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों की तरफ़ से अपनी केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और देश के सभी खेल संघों से उपरोक्त मांग को लागू करने की अपील करता हूं।
जिस तरह 05 लाख, 10 लाख, और 1 करोड़ की जनसंख्या वाले राज्य से 1 टीम और 25 करोड़ वाले राज्य उत्तर प्रदेश से भी एक ही टीम राज्य का प्रतिनिधित्व करती हैं।
यह प्रदेश के खिलाड़ियों के साथ न्याय इसलिए नहीं है क्योंकि प्रदेश में प्रतिभाएं अपार हैं और उन्हें प्रदर्शित करने के अवसर सीमित हैं और एक खिलाड़ी का खेल जीवन बहोत छोटा होता है जिसके बाद वह दर्शक दीर्घा का हिस्सा बन जाता है।
अगर क्रिकेट की बात करें तो क्रिकेट में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व 3 टीमें करती हैं (महाराष्ट्र,मुंबई,विदर्भ) और गुजरात राज्य से भी (गुजरात, सौराष्ट्र, बड़ौदा) हैं तो उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों को भी उचित अवसर प्राप्त होना चाहिए।
प्रदेश के खिलाड़ियों की मांग
25 करोड़ आबादी वाले उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों में प्रतिभाएं अपार हैं पर अवसर सीमित होने के कारण प्रदेश के सभी खिलाड़ियों को प्रतिभा दिखाने का अवसर नहीं मिल पा रहा है।
अतः देश के सभी खेल संघो से हमारी मांग है कि समस्त प्रतिस्पर्धाओं में उत्तर प्रदेश की एक से अधिक टीमों को स्थान दें, ताकि अधिक से अधिक खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का संपूर्ण अवसर मिल सके जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो। समस्त प्रदेशवासियों से हमारी इस मांग में समर्थन की अपील है क्योंकि हमारे खिलाड़ी हमारे देश की धरोहर हैं।
ये भी पढ़ें : नार्थ जोन व साई शक्ति में कल होगी खिताबी टक्कर