डिजिटल युग में पीआर के नए आयामों पर शिया पीजी कॉलेज में संवाद

0
60

लखनऊ : शिया पीजी कॉलेज के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा आज एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य जनसंपर्क (पीआर) और संचार के क्षेत्र में उभरते करियर विकल्पों को लेकर छात्रों को जागरूक करना था।

“कैंपस से कॉरपोरेट तक: एक सफल करियर की राह” शीर्षक वाले इस सत्र का उद्देश्य मीडिया और कम्युनिकेशन इंडस्ट्री के तेजी से बदलते स्वरूप के लिए छात्रों को तैयार करना था।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में Deft PR and Communications, नोएडा के संस्थापक और वरिष्ठ पीआर एवं कम्युनिकेशन कंसल्टेंट अकबर असकारी उपस्थित रहे।

अपने संबोधन में उन्होंने डिजिटल युग में जनसंपर्क की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला और छात्रों को इस क्षेत्र में सफल करियर बनाने के लिए व्यावहारिक सुझाव दिए।

उन्होंने कहा, “PR केवल प्रेस रिलीज़ तक सीमित नहीं है—यह प्रभावी कहानी कहने, छवि प्रबंधन, डिजिटल रणनीति और संबंध निर्माण की कला है। आज के युवाओं को लचीला, रचनात्मक और तकनीक में पारंगत होना चाहिए।”

असकारी ने डिजिटल पीआर, पर्सनल ब्रांडिंग और संचार क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बढ़ती भूमिका जैसे नए ट्रेंड्स पर भी बात की। सत्र के दौरान उन्होंने एक प्रश्नोत्तर सत्र का संचालन किया, जिसमें छात्रों ने इंटर्नशिप, पोर्टफोलियो निर्माण और सोशल मीडिया की भूमिका जैसे विषयों पर सवाल पूछे।

उन्होंने कॉलेज के दौरान ही तैयारी शुरू करने की सलाह दी और नेटवर्किंग, संवाद कौशल और इंडस्ट्री एक्सपोज़र के महत्व को रेखांकित किया। विभाग समन्वयक डॉ. प्रदीप शर्मा ने असकारी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह एक अत्यंत प्रेरणादायक और सहभागिता से भरपूर सत्र रहा।

हमारा उद्देश्य ऐसे सत्रों का लगातार आयोजन करना है ताकि छात्र सीधे इंडस्ट्री विशेषज्ञों से जुड़ सकें और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकें।” उन्होंने कहा कि यह पहल विभाग की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है जिसके अंतर्गत छात्रों को उद्योग से जोड़ने, नवीनतम रुझानों से अवगत कराने और विशेषज्ञ मार्गदर्शन उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

सेमिनार में छात्रों और संकाय सदस्यों की उत्साही भागीदारी देखने को मिली। उपस्थित फैकल्टी सदस्यों में डॉ. तरुण कांत त्रिपाठी, डॉ. सुम्बुल मुज्तबा, डॉ. फातिमा, डॉ. पंकज शुक्ला, राज कुमार सैनी, अभिषेक श्रीवास्तव और हुज्जत रज़ा शामिल रहे।

छात्रों ने कार्यशाला के दौरान साझा किए गए व्यावहारिक अनुभवों की सराहना की और कई छात्रों ने पीआर को भविष्य के करियर विकल्प के रूप में अपनाने में रुचि दिखाई। सत्र का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

ये भी पढ़ें : शिया पीजी कॉलेज में अम्बेडकर के सपनों के भारत पर हुई चर्चा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here