लखनऊ। ओब्डू ग्रुप अपनी सहायक कंपनी ओब्डू डिजिटल हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड माध्यम से उत्तर प्रदेश में डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक की पूरी परियोजना को धरातल पर उतारने की घोषणा की गयी।
इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित हुयी ग्राउंड ब्रेकिग सेरेमनी में हिस्सा लेने पहुंचे कम्पनी के सीईओ संजय कुमार ने बताया कि यह परियोजना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित बुलन्दशहर, प्रयागराज, फतेहपुर, गोण्डा, बहराइच, कन्नौज, कानपुर, सीतापुर, हरदोई,
प्रदेश के 22 जिलों में डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक की शुरूआत
रायबरेली, मिर्जापुर, गाजीपुर, वाराणसी, शाहजहांपुर, बांदा, हमीरपुर, प्रतापगढ़, भदोई, कौशाम्बी, चित्रकूट और गोरखपुर में धरातल पर उतारी जा रही है और जल्द ही यह परियोजना पूरे उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में शुरू कर दी जायेगी।
इस परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुये सीईओ संजय कुमार ने बताया कि पूरी परियोजना के क्रियान्वयन में लगभग दस हजार करोड़ का निवेश किया जा रहा है और परियोजना के माध्यम से राज्य के एक लाख नब्बे हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से युवाओं को रोजगार मिलेगा।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक टेलीमेडिशन सिद्धांत पर कार्य करनेवाला भारत का पहली परियोजना है जो गांव और सुदूर क्षेत्र में मरीजों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए टेलीमेडिशनके साथ-साथ एक स्वास्थ्य से संबंधित कर्मचारीकी उपस्थिति में ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए धरातल पर उतरा है।
पूरी परियोजना में होगा दस हजार करोड़ का निवेश
नई पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए उच्च तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकी का उपयोग ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करना तथा अशिक्षित (झोलाछाप) डॉक्टर की लापरवाही से इलाज के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करना डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक का उद्देश्य है।
प्रदेश सरकार तथा ओब्डू ग्रुप के इस समझौता ज्ञापन के प्रथम चरणमें 350 करोड़ का निवेश के लिए एमओयू किया गया था। जिसकी धरातल पर मांग और सफलता को देखते हुये एमओयू की राशि को बढाकर 3,350 करोड़ कर दिया गया है
कंपनी के सीईओ संजय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पूरी परियोजना के माध्यम से प्रदेश में 10,000 करोड़ से अधिक का निवेश होगा। वहीं रोजगार की दृष्टि से यह परियोजना प्रदेश के युवा युवतियो ंके लिए एक लाख नब्बे हज़ार नौकरियां तथा बतौर प्रतिनिधि रोजगार प्रदान करेगी।
प्रदेश सरकार की इस पहलने ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिनिधि जागरूकता कार्यक्रम के लिए एनजीओ को भी सेवा तथा रोजगार करने का मौका दिया है।
इस परियोजना में डेढ़ दर्जन से ज्यादा एनजीओ अभी कार्यरत है जिन का मुख्य कार्य ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्र में टैली कंसल्टेशन तथा डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक परियोजना के लिए जागरूक कार्यक्रम/अभियान चलना है।
राज्य सरकार की इस पहलसे गैर सरकारी संगठनों को भी ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम के लिए सेवा और रोजगार उपलब्ध कराने का अवसर मिला है।
राज्य के एक लाख 90 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार
सर्वाधिक कुशल कार्य करने वाली तीन एनजीओ को डिजिटल डॉक्टर क्लिनिक प्रोजेक्ट की टीम द्वारा पुरस्कृत भी किया जा सकता है। आपको अवगत कर दें कि डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक के माध्यम से अब सभी ग्रामीण अपनी ही ग्राम पंचायत में एमबीबीएस. डॉक्टर द्वारा इलाज़ करा सकेंगे।
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जहाँ ब्लड टेस्ट की भी सुविधा होगा जिसके लिए न्यूनतम 20 रूपये देने होंगे। जिसकी रिपोर्ट तुरंत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा परामर्श कर रहे डॉक्टर को सीधे प्राप्त हो जाएगी और मरीज को वह रिपोर्ट 3 मिनट के अंदर प्राप्त हो जाएगी। ऐसा होने से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति पर तो धनात्मक प्रभाव पड़ेगा ही साथ ही समय की भी बचत होगी।