चन्दौली। राज्य में निवेश को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के साथ डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक परियोजना के साथ हुये समझौते के अन्तर्गत यहां पूर्वांचल में क़दम रखते हुए चन्दौली के धानापुर और कमालपुर में डिजिटल क्लीनिक का शुभारंभ हो गया। जिलाधिकारी निखिल टीकाराम ने धानापुर में इस क्लीनिक का फीता काट कर उद्घाटन किया।
इस मौके पर जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी योगेश के. राय, ओब्डु ग्रुप की डिजिटल डाक्टर क्लीनिक परियोजना के सीईओ संजय कुमार, डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक के एडीशनल सीईओ डा. प्रशान्त कुमार वर्मा सहित क्षेत्र के कई लोग मौजूद थे। इस क्लीनिक के माध्यम क्षेत्र के ग्रामीणों को बेहद सस्ती प्राथमिक स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध हो सकेंगी।
डिजिटल डॉक्टर परियोजना को तैयार करने वाली ओब्डु ग्रुप के प्रमुख संजय कुमार ने बताया कि इस क्लीनिक के शुरू होने से ग्रामीणों को चिकित्सकों के द्वारा ऑनलाईन परामर्श के साथ सभी प्रकार के फीवर प्रोफाइल जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, लिवर फंक्शन, शुगर, पीलिया आदि जरूरी टेस्ट के साथ आवश्यकतानुसार अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध होगी।
मौके पर ही तीन से पांच मिनट में टेस्ट रिपोर्ट उपलब्ध होने के आधार पर दवाईयां भी उपलब्ध करायी जायेगी। ओब्डू ग्रुप के सीईओ संजय कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश की प्रत्येक ग्रामीणों तक बेहतर चिकित्सा व जरूरी टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक स्थापित की जा रही है। जिसके क्रम में चन्दौली में एक साथ दो डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक की शुरूआत यहां की जा रही है।
संजय कुमार ने बताया कि डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक परियोजना में होने वाला निवेश 3350 करोड़ है। पूरा प्रोजेक्ट 10,000 करोड़ का है, जिसमें प्रथम चरण में 3350 करोड़ के एमओयू के साथ किया गया है। यह परियोजना ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्र के स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करेगी, जिससे झोला छाप डॉक्टरों की लापरवाही से होने वाली मृत्यु दर को काम किया जा सकेगा।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक न केवल ग्राम पंचायत तक सीमित रहेगी बल्कि ब्लॉक स्तर पर भी 20 से 50 बेड के अस्पताल बनाकर ग्रामीणों को सरकारी योजनाएं जैसे आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जाएगा, डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश की ऐसी पहली योजना है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकी का इस्तेमाल करके ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। क्लीनिक पर मरीजों की केयर करने के लिए अटेंडेंट भी मौजूद रहेंगे।