वाराणसी-प्रयागराज : डीजी पीसी मीना ने बंदियों से किया संवाद, जानी ज़मीनी हकीकत

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लखनऊ। महानिदेशक कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं, उत्तर प्रदेश पीसी मीना द्वारा शनिवार व रविवार को जिला कारागार वाराणसी, केन्द्रीय कारागार वाराणसी, नवीन जिला कारागार प्रयागराज एवं केन्द्रीय कारागार नैनी, प्रयागराज का क्रमिक निरीक्षण किया गया।

12 जुलाई – वाराणसी जनपद – जिला कारागार वाराणसी

निरीक्षण की शुरुआत गार्ड ऑफ ऑनर के साथ हुई। स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारक पर माल्यार्पण के पश्चात महोदय द्वारा हर्बल वाटिका का उद्घाटन किया गया तथा सफेद चंदन एवं रूद्राक्ष के पौधों का रोपण किया गया।

अस्पताल, पाकशाला, बैरक एवं महिला सदन का निरीक्षण कर बंदियों से संवाद किया गया। महिला बंदियों के बच्चों को खिलौने एवं चॉकलेट वितरित की गईं तथा वकील न होने पर सरकारी अधिवक्ता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। महोदय ने समुचित व्यवस्था एवं स्वच्छता पर संतोष व्यक्त किया।

केन्द्रीय कारागार वाराणसी

शहीद चंद्रशेखर आज़ाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं चंदन वृक्ष रोपण से निरीक्षण प्रारंभ हुआ। कारागार उद्योगों – लौह व काष्ठ कला, सिलाई, साड़ी व बेकरी इकाइयों का अवलोकन कर कार्यों की सराहना की गई।

वाग्भट्ट वाटिका एवं चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया। हाई सिक्योरिटी बैरक में बंदियों से संवाद कर उनकी स्थिति जानी गई। गौशाला में गोवंश को गुड़ एवं हरी घास खिलाई गई। महोदय ने बंदियों के कल्याण, स्वच्छता एवं सुरक्षा व्यवस्था की प्रशंसा की।

13 जुलाई – प्रयागराज जनपद – नवीन जिला कारागार प्रयागराज

निरीक्षण के दौरान सर्वप्रथम महिला बैरक में बंदियों व उनके बच्चों से संवाद किया गया तथा फल, बिस्कुट, ड्रॉइंग बुक एवं कलरिंग बॉक्स वितरित किए गए।

औषधि वाटिका का उद्घाटन कर लौंग, कपूर, इलायची, जायफल एवं तेजपत्ता आदि के पौधे रोपित किए गए। चिकित्सालय एवं पाकशाला का निरीक्षण कर बंदियों से संवाद किया गया। चिकित्सा एवं स्वच्छता व्यवस्था की सराहना की गई एवं सौंदर्यीकरण व हरियाली पर संतोष प्रकट किया गया।

केन्द्रीय कारागार नैनी, प्रयागराज

कारागार परिसर में सिंदूर का पौधा रोपित कर निरीक्षण प्रारंभ हुआ। उद्योग इकाइयों, बैरकों, पाकशाला, कैंटीन एवं चिकित्सालय का गहन निरीक्षण किया गया।

वृद्ध एवं बीमार बंदियों को फल वितरित कर समयपूर्व रिहाई के प्रस्ताव हेतु निर्देश दिए गए। महोदय ने पुराने भवनों व मशीनों के स्थान पर नए निर्माण एवं उपकरणों की स्थापना हेतु प्रस्ताव भेजने के निर्देश भी दिए। स्वच्छता, सुरक्षा व बंदी कल्याण व्यवस्था की सराहना की गई।

दोनों दिवसों में महानिदेशक महोदय द्वारा संबंधित जेल अधीक्षकों, चिकित्साधिकारियों एवं कारागार अधिकारियों से संवाद कर आवश्यक निर्देश दिए गए एवं बंदियों के कल्याण, कारागार के सौंदर्यीकरण व मानवीय व्यवस्था पर विशेष बल दिया गया।

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