लखनऊ: केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने रसायन, औषधि, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक दिवसीय टीआईएफएसी-डीएसआईआर-सीडीआरआई संयुक्त कार्यशाला की मेजबानी की। सीडीआरआई निदेशक डॉ राधा रंगाराजन ने इस तरह की पहल करने के लिए टीआईएफएसी टीम की सराहना की।
टीआईएफएसी-डीएसआईआर-सीडीआरआई में संयुक्त कार्यशाला
कार्यशाला में विभिन्न इंडस्ट्रीज एवं अकेडेमिया जैसे, ई-स्पिन नैनोटेक प्राइवेट लिमिटेड, कानपुर, अदम्य हर्बल केयर, एवं एरा मेडिकल कॉलेज, लखनऊ, सीएसआईआर-सीडीआरआई, केजीएमयू लखनऊ, आईआईटी-कानपुर, एनआईपीईआर-रायबरेली के सदस्यों नें अपनी प्रौद्योगिकियों को प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की चुनौतियों और व्यावसायीकरण की दिशा में समाधान पर बहुत ही जानकारीपूर्ण परिचर्चा (पैनल डिस्कशन) भी हुई।
पैनलिस्ट टीम में प्रख्यात वैज्ञानिक और उद्यमी जैसे डॉ.राधा रंगराजन (निदेशक सीएसआईआर-सीडीआरआई), पुलक रंजन बासक (वैज्ञानिक जी, टीआईएफएसी), प्रो. शुभिनी सराफ (निदेशक, एनआईपीईआर- रायबरेली), डॉ. श्रद्धा गोयनका (प्रबंध निदेशक, बायोटेक डेस्क प्राइवेट लिमिटेड) शामिल थे।
कंपनी खोलने के दौरान उद्यमियों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा हुई एवं संभावित समाधान भी सामने रखे गए। उदाहरण के लिए डिजाइन थिंकिंग किस प्रकर से की जा सकती है एवं बाजार में पूर्व-विकसित उत्पादोन के माध्यम से कैसे सीखा जा सकता है जैसे बिन्दु चर्चा में शामिल रहे।
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TIFAC देश के प्रौद्योगिकी दृष्टि (टेक्नोलोजी विजन) हेतु थिंक टैंक के तौर पर कार्यशील है। इस प्रयास में, TIFAC देश के विभिन्न हिस्सों में एक नोडल संगठन के साथ संयुक्त रूप से कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है।