लखनऊ। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा आयोजित लोक चौपाल में वक्ताओं ने देवी-देव और लोक-भावना पर विषय पर अपने विचार रखे। रविवार को लक्ष्मण टीला के निकट स्थित लेटे हुए हनुमान जी मन्दिर के रुप में प्रसिद्ध अहिमर्दन पातालपुरी मन्दिर के संत तुलसीदास सत्संग स्थल पर हुई चौपाल भजनों की सरिता प्रवाहित हुई।
लोक चौपाल में देवी-देव और लोक-भावना पर परिचर्चा
कार्यक्रम का शुभारम्भ गायिका अर्चना गुप्ता ने मंगलाचरण और रिंकी विश्वकर्मा ने गणेश वन्दना से किया। लखनऊ विश्वविद्यालय भौतिक विज्ञान संकाय की अवकाशप्राप्त आचार्य प्रो. उषा बाजपेयी ने ज्ञान, वैराग्य, भक्ति और सेवा के प्रतिरुप राम दरबार की महिमा बतायी
वहीं नवयुग कन्या महाविद्यालय के इतिहास विभाग की अध्यक्ष डा. संगीता शुक्ला ने देवी और देवताओं की लोक व्याप्ति पर अपने विचार रखे।
बजरंगी लाये खबरिया हो राम पहुंचे नगरिया
लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया कि चौपाल में भजनों की मनमोहक प्रस्तुतियां हुईं। अश्वित रतन ने कलयुग और कृष्ण संवाद की काव्य पंक्तियां सुनायीं।
वरिष्ठ लोक गायिका रेखा मिश्रा ने गूंजे सदा जयकार बाबा तेरे भवन में, सरिता अग्रवाल ने चित्रकूट के घाट पर शबरी देखे बाट, शकुन्तला श्रीवास्तव ने बुलालो वृन्दावन गिरधारी, आभा शुक्ला ने मार कंकड़िया मटकी गिराई रे, रिंकी विश्वकर्मा ने बजरंगी लाये खबरिया हो राम आये नगरिया,
राखी अग्रवाल ने इतनी शक्ति हमें देना दाता, ज्योति किरन ने हो करम देवता हो, पल्लवी निगम ने लहर-लहर लहराये रे झण्डा बजरंग बली का, अंशुमान मौर्य ने राम कहानी सुनो रे राम कहानी, अंजू श्रीवास्तव ने मैं वारी जाऊँ बाला जी, प्रियंका दीक्षित ने मैं कोने बहाने आऊँ मैय्या तोरे दर्शन को,
सुमन पाण्डा ने राम जी के जन्म अयोघ्या भईल चहुं ओर मंगल हो, विद्याभूषण सोनी ने सुबह सबेरे लेकर तेरा नाम प्रभु, प्रो. उषा बाजपेई ने जीवन को मधुवन बनाते चलो, डा. संगीता शुक्ला ने नीक लागे रे अवध नगरिया तथा भजन गायक गौरव गुप्ता ने हे दुःख भंजन मारूति नन्दन की प्रस्तुति दी।
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सुप्रसिद्ध कवि अखिलेश त्रिवेदी शाश्वत ने श्वांस श्वांस में बसा है भारतीय जीवन में हिन्दुओं की अस्मिता का गायन है राम नाम जैसे विभिन्न स्वरचित छंद पढ़े।
अहिमईन पातालपुरी मन्दिर ट्रस्ट के ट्रस्टी ऋद्धि किशोर गौंड़ ने मन्दिर के इतिहास व परमार्थ में चलाये जा रहे सेवा प्रकल्पों के बारे में बताया। इस अवसर पर सर्वश्री राजनारायण वर्मा, डा. अनिल गुप्ता, प्रो. रामप्रताप यादव, भावना शुक्ला, होमेन्द्र मिश्र, मयंक गुप्ता, अपेक्षिता वर्मा, अवनीश शुक्ला, अंजलि, दिव्यांश, इराज आदि मौजूद रहे।