लखनऊ : “विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस 2024” के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा सेक्टर 25, इंदिरा नगर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में परिचर्चा “Prioritize Dignity, Safety and Well Being Of Elders” का आयोजन स्वर्ण जयंती स्मृति विहार पार्क, इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया.
परिचर्चा के अंतर्गत डॉ सत्या सिंह, पूर्व पुलिस अधिकारी एवं सदस्य, आंतरिक सलाहकार समिति, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने वर्तमान परिवेश में बुजुर्गों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार एवं उसके समाधान के बारे में बताया तथा बुजुर्गों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने हेतु जागरूक किया.
परिचर्चा का शुभारंभ डॉ सत्या सिंह, पूर्व पुलिस अधिकारी एवं सदस्य, आंतरिक सलाहकार समिति, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, डॉ रूपल अग्रवाल, न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, सुनीता जिंदल, उपाध्यक्ष, सेक्टर 25, इंदिरा नगर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, सरिता शर्मा, उपाध्यक्ष, सेक्टर 25, इंदिरा नगर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने दीप प्रज्वलन कर किया.
डॉ सत्या सिंह ने वर्तमान समाज में बुजुर्गों की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, “दुनिया में खुश रहना ही सबसे बड़ी विरासत है. अगर हमारे होठों पर हंसी है और दिल में सुकून है तो फिर हमें दुनिया में किसी चीज की कमी नहीं है. जैसा कि कहा गया है “गो-धन, गज-धन, वाजि-धन और रतन-धन खान.
जब आवत संतोष-धन, सब धन धूरि समान. क्योंकि हमारी सबसे बड़ी लड़ाई अपने आप से होती है और अगर हम उसमें जीत गए तो हमें कोई नहीं हरा सकता.
उम्र तो केवल गिनती होती है लेकिन अगर हम हर हाल में खुश रहे तो हम ताउम्र जवान रह सकते हैं.अगर हम आजकल के समाज और परिवेश के बारे में बात करें तो यह जरूरी नहीं है कि हर चीज हमारे हिसाब से हो, हर इंसान हमारे तरीके से चले लेकिन अगर हम बातचीत करें तो हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है.
जहां तक बुजुर्गों को उनके अधिकार के बारे में जागरूक करने का प्रश्न है तो उस विषय में मैं यह कहना चाहूंगी कि हर बुजुर्ग व्यक्ति को हर जगह अपना अधिकार छीनना पड़ता है.
अगर हम सीनियर सिटीजन है और किसी लाइन में खड़े हैं तो हमें वहां पर बताना पड़ेगा कि हम 60+ है तभी हमें हमारे अधिकार मिलेंगे. हर बुजुर्ग को यह अधिकार है कि अगर उनके बच्चे उनके साथ कुछ गलत कर रहे हैं, उन्हें सहारा नहीं दे रहे तो वे अपने हक और जीविका के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
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हमें हर हाल में खुश रहना चाहिए क्योंकि महाकवि पद्म भूषण डॉक्टर गोपाल दास नीरज कहा करते थे कि जिंदगी और मौत में सिर्फ इतना सा फर्क है :
“न जन्म कुछ, न मृत्यु कुछ, बस इतनी सिर्फ बात है | किसी की आँख खुल गयी, किसी को नींद आ गई.
मेरा ऐसा मानना है कि आप अपने बच्चों को जैसे संस्कार देंगे वह समाज में वैसा ही व्यवहार करेगा. इसलिए हमेशा खुश रहें और दूसरों को खुश रखने की कोशिश करें. मैं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट को बहुत बधाई देती हूं ट्रस्ट समाज के हर क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य कर रहा है और मैं हर कदम पर ट्रस्ट के साथ हूं.
परिचर्चा के अंत में डॉ रूपल अग्रवाल ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट हमेशा आपके साथ है.
अगर आपको भविष्य में किसी भी मदद की जरूरत हो तो हम हर तरह से आपकी मदद करेंगे.यदि आप समाज के किसी भी क्षेत्र में जन सेवा करना चाहते हो तो आप हमसे जुड़ सकते हैं और समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में अपना योगदान दे सकते हैं.
परिचर्चा में डॉ सत्या सिंह, डॉ रूपल अग्रवाल, सुनीता जिंदल, सरिता शर्मा, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों सहित 50 गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी