लखनऊ। यूपी की दिव्यांशी गौतम ने आज योनेक्स सनराईज 34वीं सब जूनियर अंडर -13 नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप-2022 में फाइनल में पहुंचकर मेजबान का झंडा बुलंद रखा।
यूपी की इस उभरती हुई इस शटलर का खेल के लिए जुनून इसलिए भी काबिले तारीफ है कि उसने कोरोना महामारी के दौरान भी रैकेट नहीं छोड़ा और सुबह-सुबह ही उठकर प्रैक्टिस करने आगरा में जाती थी। आगरा की यह खिलाड़ी इसी साल चार आयु वर्ग के राज्य खिताब जीत चुकी है।
उसने इसी साल आजमगढ़ में हुई अंडर-13 स्टेट, नोएडा में हुई अंडर-15 स्टेट और अंडर-17 स्टेट और अलीगढ़ में आयोजित अंडर-19 स्टेट टूर्नामेंट का खिताब जीते थे। पिछले छह साल से बैडमिंटन सीख रही दिव्यांशी गौतम के इस स्तर पर पहुंचने में उनके परिवार खासकर पिता नीरज गौतम एडवोकेट और उनकी माता का भी खासा योगदान है।
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पिछले छह साल से बैडमिंटन सीख रही दिव्यांशी ने पहले तो अपने भाई के साथ शौकिया बैडमिंटन खेला लेकिन बाद में उनकी इस खेल में रूचि जगी। इसको देखकर उनके पिता ने उनका एडमिशन बैडमिंटन की क्लास में करवा दिया।
फिर उनका प्रवेश नवंबर 2020 में यूपी बैडमिंटन अकादमी में कराया गया यहां रहकर वह अभ्यास कर रही थी लेकिन कीरोना के चलते लगे लाकडाउन के चलते उन्हें अप्रैल 2021 में अकादमी को छोड़ना पड़ा। फिर वह घर में ही कुछ दिन रही लेकिन दिव्यांशी के पिता को लगा कि उनकी बेटी का खेल नहीं रूकना चाहिए
फिर उन्होंने विशेष परमीशन ली और बेटी को लेकर आगरा पुलिस लाइन अभ्यास के लिए ले जाने लगे। हालांकि वहां जाना इतना आसान नहीं था। इसके लिए दिव्यांशी को तड़के 3:15 बजे जगना पड़ता था जहां से वो अपने पिता के साथ जाती थी और अभ्यास करके सुबह 7 बजे लौट आती थी।
इसी तरह उसकी ट्रेनिंग चलती रही फिर सातवीं कक्षा की छात्रा दिव्यांशी ने जैसे ही प्रैक्टिस की अनुमति मिली तो उसके कुछ समय बाद उसके पिता ने उसका एडमिशन आगरा की जय अंबे बैडमिंटन अकादमी में करवा दिया जहां वो कोच अनुभव सक्सेना की निगरानी में ट्रेनिंग कर रही है।