डॉ. डी. श्रीनिवास रेड्डी ने संभाला सीडीआरआई निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार

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लखनऊ। सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीडीआरआई), लखनऊ के निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार डॉ.डी.श्रीनिवास रेड्डी ने  ग्रहण किया। वहीं  सीएसआईआर-सीडीआरआई, के निदेशक पद से सोमवार को सेवानिवृत्त प्रोफेसर तपस कुमार कुंडू जेएनसीएएसआर, बेंगलुरु में प्रोफेसर के रूप में काम जारी रखेंगे।

सेवानिवृत्त हुए वर्तमान निदेशक प्रोफेसर तपस कुमार कुंडू

डॉ.डी.श्रीनिवास रेड्डी वर्तमान में सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (सीएसआईआर-आईआईआईएम), जम्मू की कमान संभाल रहे है। डॉ रेड्डी के  व्यक्तित्व में फार्मास्युटिकल उद्योग और अनुसंधान संस्थान दोनों ही क्षेत्रों में अनुसंधान अनुभव का अच्छा समामेलन है।

डॉ रेड्डी के पास फार्मास्युटिकल उद्योग और अनुसंधान संस्थान दोनों क्षेत्रों में अनुसंधान अनुभव

उन्होंने सात साल (डॉ रेड्डीज और टाटा एडविनस) फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में सेवा की। उस दौरान उनकी टीम द्वारा खोजा गया एक औषधीय यौगिक (लिकोग्लिफ्लोज़िन) वर्तमान में मानवों पर द्वितीय चरण के नैदानिक ​​​​परीक्षणों (ह्यूमन फेज़-IIक्लीनिकल ट्रायल) में है।

उन्होंने अपनी पीएचडी हैदराबाद विश्वविद्यालय से वर्ष 2000 में प्रोफेसर गोवर्धन मेहता के मार्गदर्शन की। तत्पश्चात उन्होंने प्रो. सर्गेई ए. कोज़मिन (यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो, यूएसए) और प्रो. जेफ़री औबे (यूनिवर्सिटी ऑफ़ कान्सास, यूएसए) के साथ पोस्ट-डॉक्टोरल शोध कार्य किया।

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अमेरिका में पोस्ट-डॉक्टोरल ट्रेनिंग के पश्चात भारत वापस आए डॉ. रेड्डी को प्राकृतिक उत्पादों के संश्लेषण/औषधीय रसायन विज्ञान/औषधि अनुसंधान के क्षेत्र में 20 वर्षों से अधिक का अनुसंधान अनुभव है। उन्होंने एसईआरबी, डीएसटी, भारत सरकार द्वारा प्रदत्त प्रतिष्ठित सर जे.सी. बोस नेशनल फेलोशिप सहित कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त किए हैं।

प्राकृतिक उत्पाद संश्लेषण/औषधीय रसायन विज्ञान/औषधि अनुसंधान में 20 वर्षों से अधिक का अनुभव

रसायन विज्ञान में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, भौतिक विज्ञान में अनुप्रयोग-उन्मुख नवाचारों (इन्नोवेशन्स) के लिए नासी-रिलाएंस इंडस्ट्रीज प्लेटिनम जयंती पुरस्कार, रासायनिक विज्ञान में उनके योगदान हेतु सीआरएसआई कांस्य पदक, औषधि अनुसंधान में उत्कृष्ट शोध हेतु  सीडीआरआई पुरस्कार (रासायनिक विज्ञान में) एवं सन फार्मा रिसर्च अवार्ड (रैनबैक्सी रिसर्च अवार्ड) आदि अनेक पुरस्कार प्राप्त किए हैं।

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आप, भारतीय विज्ञान अकादमी, भारत (एफएएससी) और नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, भारत (एफएनएससी) के फेलो हैं। साथ ही आप महाराष्ट्र एकेडमी ऑफ साइंसेज, तेलंगाना एकेडमी ऑफ साइंसेज एवं नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, भारत के फेलो चुने जा चुके हैं। डॉ रेड्डी के क्रेडिट में 120 से अधिक शोध प्रकाशन हैं और 35 से अधिक पेटेंट के वे  आविष्कारक हैं।

इस अवसर पर सभी वैज्ञानिकों, प्रशासनिक कर्मचारियों और छात्रों ने प्रोफेसर तपस कुमार कुंडू को उनकी सेवानिवृत्ति पर शुभकामनाएं दीं एवं डॉ. डी. श्रीनिवास रेड्डी के सक्षम नेतृत्व में हर संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए उनके साथ कार्य करने हेतु एकजुटता दिखाई।

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