शिक्षण संस्थानों में ड्रेसकोड हो लागू, हिजाब पर लगे रोक : ऋषि त्रिवेदी

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फाइल फोटो : साभार सोशल मीडिया

लखनऊ। हिजाब को लेकर कर्नाटक में चल रहे विवाद को लेकर अखिल भारत हिन्दू महासभा भी मैदान में कूद गयी है।  ड्रेसकोड के नियमों को न मानकर जबरन हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं को प्रवेश पर रोक लगाने वाले स्कूल प्रबन्धन की हिन्दू महासभा ने सराहना की।

महासभा ने कहा कि देश के सभी शिक्षण संस्थानों में ड्रेसकोड का कड़ाई से पालन करने और किसी भी तरह के धार्मिक पहनावे पर रोक लगायी जानी चाहिये। यदि आवश्यकता पड़ी तो शिक्षण संस्थानों में किसी भी तरह के धार्मिक पहनावे पर रोक के लिये हिन्दू महासभा न्यायालय भी जा सकती है।

अखिल भारत हिन्दू महासभा, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने आज यहां साफ कहा कि एक सोची समझी रणनीति के तहत कई इस्लामिक संगठन और वामपंथी विचारधारा के लोग देश को इस्लामीकरण को धकेलने का काम कर रहे है, जिसे अब कतई बर्दास्त नहीं किया जायेगा।

श्री त्रिवेदी ने कहा कि पाकिस्तान बंटवारे के समय भारत को धर्मनिरपेक्ष घोशित करने में हुयी गलतियों का परिणाम भारत भुगत रहा है, धार्मिक आधार पर पाकिस्तान बनने के बाद आज देश के दस राज्यों में मुस्लिम बहुसंख्यक हो चुके है।  विभिन्न देशों से लगी भारतीय सीमाओं पर तेजी से बन रही मस्जिदें और मदरसे बन रही है।

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इससे साफ है कि देश को एक सोची समझी रणनीति के तहत भारत को इस्लामीकरण की ओर धकेला जा रहा है। जिसके लिये मुस्लिम वोटबैंक की राजनीति करने वाले राजनैतिक दलों के साथ वामपंथी विचारधारा रखने वाले और हिन्दू मुस्लिम एकता और गंगा जमना तहजीब का पाठ पढ़ाने वाले ज्यादा जिम्मेदार है।

शिक्षण संस्थान में ड्रेसकोड नियमों के विपरीत हिजाब का समर्थन करने वाले वामपंथी विचारधारा और राजनैतिक दलों के नेताओं को कटघरे में खड़ा करते हुये हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री त्रिवेदी कहा कि क्या वह बिना सर पर कपड़ा बांधे दरगाह जा सकते है या फिर अपने बच्चों को भारतीय परिधानों के साथ मदरसें में शिक्षा लेने के भेज सकते है।

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श्री त्रिवेदी ने उत्तर प्रदेश के शिक्षण संस्थानों के प्रबन्धकों से आग्रह किया है कि वह अपने शिक्षण संस्थानों को शिक्षा का केन्द्र ही बना कर रखें उसमें किसी भी धर्म को बढ़ावा न दें, और अपने नियमों को सख्त से सख्त पालन करवाये।

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