डूरंड कप क्वार्टर फ़ाइनल में भिड़ेगी कोलकाता की दो दिग्गज टीमें

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कोलकाता : 134वां इंडियन ऑयल डूरंडकप अब नॉकआउट चरण में प्रवेश कर चुका है और रविवार (17 अगस्त 2025) को होने वाला क्वार्टर-फ़ाइनल मुकाबला देश के फ़ुटबॉल इतिहास के सबसे बड़े नज़ारों में से एक बनने जा रहा है।

प्रतिष्ठित विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन (साल्टलेकस्टेडियम) में इमामी ईस्टबंगाल और उनके चिर-प्रतिद्वंद्वी मोहन बागान सुपर जायंट्स भिड़ेंगे, जिसे ‘कोलकाताडर्बी’ के नाम से जाना जाता है।

ईस्ट बंगाल और मोहन बागान सुपर जायंट्स होंगे आमने-सामने

यह मैच खेल से कहीं बढ़कर है—यह शहर की धड़कनों से जुड़ा हुआ एक सांस्कृतिक पर्व है। किक-ऑफ़ शाम 7 बजे होगा, जब पीढ़ियों से चली आ रही यह प्रतिद्वंद्विता फिर से अपनी चरम सीमा पर होगी।

दोनों टीमें ग्रुप चरण से अपराजित होकर आई हैं, जिससे यह मुक़ाबला एक अविस्मरणीय शाम का वादा करता है। जिस तरह शिलांग और कोकराझार ग्रुप मैचों के दौरान फुटबॉल उत्सव में तब्दील हुए थे, कोलकाता उस माहौल को कहीं अधिक भव्यरूप में पेश करने के लिए तैयार है।

इमामी ईस्ट बंगाल ने ग्रुप ए में नौअंकों के परफेक्ट रिकॉर्ड के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया, वहीं मोहन बागान ने भी ग्रुपबी में समान उपलब्धि दोहराई। अब दोनों में से केवल एक टीम ही सेमीफ़ाइनल तक पहुंचेगी।

रविवार रात साल्टलेक के फ़्लड लाइट्स जगमगाएंगे, तब भारतीय फ़ुटबॉल की दो महाशक्तियाँ टकराएँगी। ईस्टबंगाल, स्पेनिशकोच ऑस्कर ब्रूज़ोन के नेतृत्व में, शानदार फॉर्म में है और उन्होंने अपने ग्रुप में शत-प्रतिशत रिकॉर्ड के साथ टॉप किया।

उनके अभियान में साउथ यूनाइटेड पर 5-0 की एकतरफ़ा जीत, नमधारी एफसी के खिलाफ़ 1-0 की कड़ी जीत, और इंडियन एयरफ़ोर्स एफटीपर 6-1 की करारी शिकस्त शामिल रही।

नई भर्तियों ने रेड-एंड-गोल्ड ब्रिगेड को नया रूप दिया है। मोरक्को के स्ट्राइकर हमीद अहदाद, ब्राज़ीलियाई मिड फ़ील्डर मिगुएल फ़िगुएरा और फ़िलिस्तीनी अंतरराष्ट्रीय मोहम्मद राशिद ने अनुभवी खिलाड़ियों साउलक्रेस्पो और बिपिन सिंह के साथ मिलकर टीम को मज़बूती दी है।

ग्रीक फ़ॉरवर्ड दिमित्रियोसडायमंटा कोस ने आक्रमण पंक्ति की अगुवाई दमदार तरीके से की है, जिससे ईस्ट बंगाल खिताब का दावेदार दिख रहा है।

कोच ब्रूज़ोन ने डर्बी से पहले कहा: “हमें भावनाओं पर नियंत्रण रखना होगा और मैदान पर ध्यान देना होगा। डर्बी आपको हीरो भी बना सकती है और विलेन भी। हमें शांत रहना है। हम जानते हैं कि यह डर्बी हमारे प्रशंसकों के लिए सब कुछ है। हमने कड़ी तैयारी की है और खिलाड़ी इस बड़े मंच पर प्रदर्शन करने को बेताब हैं।”

उधर, मोहन बागान सुपर जायंट्स, स्पेनिश कोच जोसफ्रांसिस्को मोलिनाजिमेनेज़ की अगुवाई में, उतने ही खतरनाक नज़र आ रहे हैं। उन्होंने अपने अभियान की शुरुआत मोहम्मडन एससी को 3-1 से हराकर की, इसके बाद बीएसएफएफटी को 4-0 से परास्त किया और फिर डायमंड हार्बर को 5-1 से रौंदते हुए ग्रुप का समापन किया।

लिस्टन कोला को अबतक टूर्नामेंट के सबसे चमकदार सितारे रहे हैं, जिन्होंने तीन मैचोंमें पाँच गोल दाग कर संयुक्त रूप से शीर्ष स्कोरर का स्थान हासिल किया है। उनके साथ सहल अब्दुल समद की रचनात्मकता और जेमीमैकलारेन व जैसन कमिंग्स जैसे फ़िनिशरों की मौजूदगी से मरीनर्स का आक्रमण बेहद घातक साबित हो रहा है।

हालांकि, मनवीरसिंह और कियाननासिरी की चोटें कोच मोलिना को कुछ रणनीतिक बदलाव करने पर मजबूर कर सकती हैं।

ईस्ट बंगाल की हाई-प्रेसिंगरणनीति, जिसमें अहदाद, डायमंटाकोस, बिपिनसिंह और डेविड लालह्लान सांगा शामिल हैं, मोहन बागान की रक्षापंक्ति को कड़ी परीक्षा देगी, जो कभी-कभी अस्थिर दिखी है। वहीं, मरीनर्स अपनी सटीक फिनिशिंग और बड़े मैचों के अनुभव पर भरोसा करेंगे, जिसमें कोलाको और सहल की रचनात्मकता अहम होगी।

दांव बेहद ऊँचे हैं—सेमीफ़ाइनल का टिकट, सदी पुरानी प्रतिद्वंद्विता में बढ़त, और डुरंड कप की विरासत में नया अध्याय जोड़ने का मौका। मोहन बागान  के पास अबतक 17 खिताब हैं, जबकि ईस्टबंगाल 16 बार विजेता रहा है। यह टकराव इतिहास को एक और अध्याय देगा।

शहर के कॉफ़ी हाउस, ट्राम और बाज़ार पहले ही डर्बी की चर्चाओं से गूंज रहे हैं। साल्टलेक स्टेडियम रविवार रात भावनाओं के उबाल में बदल जाएगा।

टिकटें जारी होने के कुछ घंटों  में ही बिक गईं, कई प्रशंसकों ने रातभर कैंप कर जगह सुरक्षित की—यह इस मुकाबले की महत्ता दर्शाता है। 1925 में पहली बार खेले गए कोलकाता डर्बी ने अब सौ साल की तीखी प्रतिस्पर्धा को छू लिया है। यह केवल एक मैच नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक घटना है, जिसने शहर को रेड-एंड-गोल्ड और ग्रीन-एंड-म रून  में बाँट रखा है।

साल्टलेक स्टेडियम, जिसने 1997 फेडरेशनकप सेमीफ़ाइनल में इन दोनों दिग्गजों  के बीच रिकॉर्ड 1,31,781 दर्शकों की मेज़बानी की थी, डर्बी के पागलपन से अनजान नहीं है। यह क्वार्टर-फ़ाइनल भी वैसा ही माहौल रचने का वादा करता है—झंडों, नारों और रंगों की बाढ़ के साथ, कोलकाता एक उत्सव में तब्दील होगा।

ईस्ट बंगाल के लिए यह मौका है यह साबित करने का कि उनकी वापसी असली है। मोहन बागान के लिए यह अपनी बादशाहत जताने और एक और ट्रॉफी जीतने का। किसी भी नतीजे के साथ, 134वां इंडियन ऑयल डुरंडकप एक ऐसे डर्बी का गवाह बनने जा रहा है, जो फ़ुटबॉल इतिहास में दर्ज हो जाएगा।

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