एक शिक्षित महिला से सात पीढ़ियों तक जारी रहती है पढ़ाई : राज्यपाल

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने शिया महाविद्यालय के कला संकाय के भवन इमाम अली रज़ा(अ.स) ब्लाक का फीता काट कर उद्घाटन किया।

इससे पूर्व  उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि चाहे आप के पास जितनी भी धन-दौलत हो वह अगली पीढ़ियों तक मुश्किल से जाती है। वहीं शिक्षा एक ऐसी दौलत है, जोकि कई पीढ़ियों तक रहती है।

शिया महाविद्यालय में इमाम अली रज़ा(अ.स) भवन का किया उद्घाटन

उद्घाटन सत्र को आगे सम्बोधित करते हुए राज्यपाल  ने इस बात पर  प्रसन्नता जताई कि शिया महाविद्यालय में बेटे-बेटियों की शिक्षा की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए इस कालेज की नींव 104 वर्ष पहले रखी गई थी। जो आज भी कायम है।

उन्होंने कहा कि मेरे गाँव में बेटियों की शिक्षा के लिए कोई प्रबंध नहीं होते थे। केवल महिला शिक्षा के लिए कक्षा-4 तक की कक्षाओं तक का स्कूल था और वो भी मेरे गाँव से 4 किलोमीटर दूर दूसरे गाँव में स्थित था।

मेरे परिवार में शिक्षा को लेकर काफी जागरूकता थी, जिसके चलते जब मैं कक्षा 5 में आयी तो मेरा एडमिशन ऐसे स्कूल में कराया गया जहाँ में अकली लड़की हुआ करती थी।

उन्होंने कहा कि जब मैं प्रदेश के विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह में जाती हूँ, तो वहाँ 80 प्रतिशत गोल्ड मेडल बेटियाँ हासिल करती है। ये अच्छी बात है कि बेटियाँ शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रही है और हर वर्ग में बेटो को चुनौतियाँ दे रही है।

नई शिक्षा नीति के बारे में छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मेरा तीस साल का बतौर शिक्षिका और बीस साल सरकारी विभागों में खासकर शिक्षा विभाग के कार्या में अनुभव रहा है। पहले दस-दस साल तक पाठ्यक्रम नहीं बदलते थे।

अब नई शिक्षा नीति को मजबूती से लागू किया जा रहा है। जिससे छात्र-छात्राओं को अपनी जिज्ञासा के अनुसार विषय चुनने की प्राथमिकता दी जा रही है। शिया महाविद्यालय को नैक मे ‘ए’ग्रेड मिलने पर राज्यपाल ने कालेज प्रबंधन को बधाई दी।

विशिष्ट अतिथि कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रो.आलोक कुमार राय ने कहा कि उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा में कई बड़े बदलाव आये है, जिससे शिक्षा का स्तर और बढ़ गया है। जिस तरह से नई शिक्षा नीति को लखनऊ विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध महाविद्यालयों में लागू किया जा रहा है, इससे देशभर में प्रदेश का मान बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में चार विश्वविद्यालयों को नैक में A++ , दो विश्वविद्यालयों को A+ और एक विश्वविद्यालय को ‘ए’ ग्रेड प्राप्त हुआ है।

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वहीं महाविद्यालय को संचालित करने वाली सर्वोच्च संस्था मजलिस-ए उलेमा के सचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि  विगत पाँच वर्षों में शिया कालेज के अंदर 15 करोड़ की लागत से नए भवन व इमारतों को निर्माण कराया गया है। ला संकाय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ ने किया था।

इसके लिए महाविद्यालय को प्रदेश सरकार द्वारा ना कोई ग्रांट दी गई और ना ही यूजीसी ने दिया और ना ही हमने किसी से चंदा लिया। महाविद्यालय ने अपने स्तर से छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए इन इमारतों की तामीर की जा रही है।।

मजलिस-ए-उलेमा के अध्यक्ष मौलाना हमीदुल हसन ने गुजराती में उद्बोधन करके सबको चकित किया। राज्यपाल या ने उनके सम्बोधन पर प्रशंसा व्यक्त की। अंत में महाविद्यालय के प्रबंधक एस.अब्बास मुर्तजा शम्सी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

आज राज्यपाल के आगमन पर उनकी आगवानी करते हुए प्रबन्ध-समिति के अध्यक्ष प्रो.अजीज़ हैदर, महाविद्यालय प्रबन्धक एस.अब्बास मुर्तजा शम्सी ने पौधा भेंट किया।

उद्घाटन सत्र का संचालन महाविद्यालय के वित्त अधिकारी डॉ.एमएम एज़ाज़ अब्बास ने किया। उद्घाटन से पूर्व राज्यपाल ने इमाम अली रज़ा(अ.स) ब्लाक के बाहर एक पीपल का एक वृक्ष लगाया गया।

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