लखनऊ। किसानों की खेती की लागत को कम करने और उनकी आय को दोगुना करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा प्रदेश की विद्युत उत्पान क्षमता को बढ़ाने में निरंतर प्रयासरत हैं।
विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश बनेगा नंबर वन : एके शर्मा
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कृषकों को सिंचाई के लिये मुफ्त बिजली उपलब्ध कराये जाने के उपलक्ष्य में आयोजित संकल्प की सिद्धि कार्यक्रम के स्वागत उद्बोधन में नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में प्रधानमंत्री द्वारा किसानों की खेती की लागत को कम करना और उनकी आय को दोगुना करने के संकल्प को पूरा किया जा रहा है।
खेती की लागत को कम करने में बिजली का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। किसानों को निर्वाध विद्युत आपूर्ति देने के लिए विद्युत की ढांचागत व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है। किसानों के 5,001 कृषि फीडरों को पर्याप्त बिजली मिले इसलिए उन्हें अलग किया जा रहा।
किसानों की आय को दोगुना करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को किया जा रहा पूरा
ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने संकल्प की सिद्धि कार्यक्रम में उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि योगी सरकार ने चुनाव में किसानों को मुफ्त बिजली मुफ्त देने के वादे को पूरा किया है।
अब 01 अप्रैल, 2023 से किसानों के निजी नलकूप के बिजली बिलों को माफ कर दिया गया है। साथ ही इसके पहले के बिलों के अधिभार में छूट की योजना भी लायी जायेगी। बिजली की व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने के बाद यह व्यवस्था की गई है। शीघ्र ही किसानों को इसका लाभ मिले इसके लिए रोडमैप बनाया जायेगा।
31 मार्च 2023 के पहले के नलकूप के बिलों के अधिभार में छूट देने के लिए लायी जाएगी योजना
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश के लाखों मजरों में बिजली नहीं थी। प्रदेश सरकार ने 1.21 लाख मजरों का विद्युतीकरण कराया। इसी प्रकार पहले 13 लाख निजी नलकूप के कनेक्शन थे, पिछले 02 वर्षों में 1.25 लाख निजी नलकूप कनेक्शन किसानों को दिये गये।
प्रदेश में 3.25 करोड़ से अधिक विद्युत कनेक्शन हैं। विगत 02 वर्षों में 32.50 लाख कनेक्शन दिये गये। 5,20,400 अतिभारित ट्रांसफार्मर को हटाकर नये ट्रांसफार्मर लगाये गये। 75,000 किलोमीटर जर्जर तार को बदल कर एबी केबल लगायी गयी। 14.25 लाख से ज्यादा बिजली के पोल बदले गये।
अनपरा में 800 मेगावाट की दो इकाइयों की स्थापना से मिलेगी सस्ती बिजली
33/11केवी के 35 उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि की गई तथा 205 बड़े पावर ट्रांसफार्मर को भी बदला गया। केन्द्र की आरडीएसएस योजना के तहत 17,000 करोड़ रुपये से विद्युत सुदृढ़ीकरण का कार्य चल रहा है। 5,000 करोड़ रूपये से विजनेस प्लान के तहत कार्य हो रहा। 1000 करोड़ रुपये से छोटे निकायों की बिजली को दुरूस्त किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बिजली उत्पादन को दोगुना करने के प्रयास में है। एनटीपीसी के सहयोग से ग्लोबल इन्वेस्टर समिति के दौरान 800×2 मेगावॉट के 02 प्लाण्ट अनपरा में तथा 800×2 मेगावॉट क्षमता के दो प्लाण्ट ओबरा में लगाने के लिए मंत्रिमण्डल ने मंजूरी दे दी है।
लोकार्पण के लिए 1,320 मेगावॉट क्षमता के 660×2 के दो प्लाण्ट बनकर तैयार हैं। वहीं इस वर्ष हाल ही में ओबरा और जवाहरपुर में एक-एक 2×660=1320 मेगावाट के संयंत्रों का पूर्ण वाणिज्यिक संचालन भी शुरू हो गया है। एनटीपीसी के साथ साझेदारी में एक और 3×800=2400 मेगावाट संयंत्र स्थापित करने की तैयारी में हैं।
इसके अलावा एनटीपीसी सिंगरौली में अपना 2×800=1600 मेगावाट का बिजली संयंत्र स्थापित कर रहा है, जिसकी नींव प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में रखी गई। प्रधानमंत्री ने अभी तेलांगाना में 200 मेगावॉट के सौर ऊर्जा प्लाण्ट का लोकार्पण तथा 1800 मेंगावॉट क्षमता के सोलर प्लाण्ट का शिलान्यास भी किया है।
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उर्जा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार और एनटीपीसी के बीच 50-50 प्रतिशत की साझेदारी के साथ यह प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा। इस प्रोजेक्ट की कुल कीमत 8,624 करोड़ रुपए है और इसकी पहली यूनिट लगभग 50 महीनों में तैयार हो जाएगी, जबकि दूसरी यूनिट 56 महीने में क्रियान्वित हो जाएगी।
इसमें 30 प्रतिशत इक्विटी होगी जो राज्य सरकार और एनटीपीसी आपस में वहन करेंगे, जबकि 70 प्रतिशत ऋण लेकर इसको क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से जल्द ही उत्तर प्रदेश विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर स्थापित होगा। साथ ही प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी व्यापक कार्य कर रही है।