रक्षा मंत्रालय के पूर्व सैनिक कल्याण विभाग के पुनर्वास महानिदेशालय ने पुन: रोजगार चाहने वाले पूर्व सैनिकों और रोजगार प्रदाताओं को एक साझा मंच पर लाने के लिए शुक्रवार को कानपुर कैंट में पूर्व सैनिकों के लिए एक रोज़गार मेले का आयोजन किया।
इस आयोजन में उत्तर प्रदेश और आसपास के पूर्व सैनिकों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। सेना, नौसेना और वायुसेना के 1573 पूर्व सैनिकों ने रोजगार की तलाश के लिए पंजीकरण कराया। रोजगार मेले में 1365 नौकरी रिक्तियों और 500 से अधिक उद्यमशीलता के अवसरों की पेशकश करने वाली 41 कंपनियों ने भाग लिया।
शॉर्टलिस्ट किए गए पूर्व सैनिकों का साक्षात्कार/स्क्रीनिंग की जाएगी और बाद में वरिष्ठ पर्यवेक्षकों, मध्य/वरिष्ठ स्तर के मैनेजर से लेकर निदेशकों तक की रिक्तियों में नियुक्त किया जाएगा। यह आयोजन कॉरपोरेट्स और पूर्व सैनिकों दोनों के लिए लाभकारी था।
पूर्व सैनिकों को सेवा के वर्षों के दौरान हासिल की गई अपनी तकनीकी और प्रशासनिक क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच मिला। इस दौरान अनुभवी, अनुशासित और प्रशिक्षित पूर्व सैनिकों के समूह की स्क्रीनिंग से कॉर्पोरेट्स को लाभ हुआ। जॉब फेयर के दौरान विभिन्न कंपनियों द्वारा उद्यमिता मॉडल भी प्रस्तुत किये गये।
जॉब फेयर का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. नितेन चंद्रा, आईएएस, सचिव, ईएसडब्ल्यू विभाग, भारत सरकार और लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा, एसएम, वीएसएम, चीफ ऑफ स्टाफ, मध्य कमान ने मेजर जनरल एसबीके सिंह डीजी (आर), पुनर्वास महानिदेशालय के साथ किया। मनोज गुप्ता, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एमकेयू लिमिटेड सम्मानित कॉर्पोरेट अतिथि थे।
ब्रिगेडियर बिक्रम हीरू, एडीजी, डीआरजेड (सेंट्रल), ब्रिगेडियर एनए खान, एसएम, डिप्टी जीओसी रेड ईगल डिवीजन और ब्रिगेडियर शबरुल हसन, एसएम, कमांडर रेड ईगल ब्रिगेड भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। जॉब फेयर डीजीआर की एक पहल है जो पूर्व सैनिकों को दूसरे करियर के रुप में विकल्प प्रदान करती है।
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