लखनऊ। बच्चों की कल्पनाशीलता के विकास और नैतिक मूल्यों की प्रेरणा देने के उद्देश्य से होने वाले दादी नानी की कहानी जीतेश की ज़ुबानी कार्यक्रम में मंगलवार को ख़जा़ने की खोज कथा सुनायी गयी।
लोक संस्कृति शोध संस्थान की मासिक श्रृंखला के तहत आलमबाग स्थित नवयुग पब्लिक स्कूल में बच्चों ने कहानी पर आधारित प्रश्नों के उत्तर भी दिये। कार्यक्रम का शुभारम्भ स्टोरीमैन जीतेश श्रीवास्तव ने कठिन वाक्यों के उच्चारण अभ्यास के साथ किया।
गरीब किन्तु मेधावी दो छात्रों के जीवन का उतराव चढ़ाव तथा संघर्ष के बीच ख़ज़ाने की खोज करने की कथा सुनाई। बच्चे कल्पना के सागर में डूबते उतराते रहे। परिस्थितियों का डटकर सामना करने, दीन दुखियों पर दया करने, परोपकार का जीवन का अंग बनाने, सच बोलने जैसी नैतिक मूल्यों से ओत प्रोत कहानी सुन बच्चों ने खूब तालियां बजायीं।
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विद्यालय की प्रधानाचार्य डा. अनुप्रिया दयाल ने कथा प्रस्तोता समूह का स्वागत किया। लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव श्रीमती सुधा द्विवेदी ने बच्चों के सर्वांगीण विकास में लोक कथा एवं कहानियों की भूमिका पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर नवयुग विद्यालय समूह की मार्गदर्शक डा. गीता दयाल, विद्यालय के अध्यापकों वसीम राजा, फहमीत कौर, परमजीत कौर, गुरमीत, ज्योति चटर्जी, ऋतिका सक्सेना, कृति अग्रवाल,
अंजलि श्रीवास्तव, रुखसार, विसनजोत के साथ ही मंजुल रायजादा, डॉ. एस.के. गोपाल आदि उपस्थित रहे। विद्यालय के प्रबन्धक हेमन्त दयाल ने आयोजन की सराहना की तथा कथा प्रस्तोता समूह के प्रति आभार ज्ञापित किया।