लखनऊ पर चढ़ा फुटबॉल का फीवर लेकिन…

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फोटो साभार सोशल मीडिया

लखनऊ। नवाबों का शहर लखनऊ सोमवार को फुटबॉल के फीवर में डूबा दिखा मौका था सीएम कप के लिए केडी सिंह बाबू स्टेडियम में मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के बीच खेले गए मैच का। इस मैच को लगभग भरे स्टेडियम में दर्शकों ने देखा। हालांकि मैदान के अंदर खेल के अलावा मैदान के बाहर कुछ गतिविधियों के लिए ये मैच भी चर्चित हो गया।

दरअसल मैदान पर जहां एक और मोहन बागान और ईस्ट बंगाल की टीम के खेल के रोमांच से इतर आयोजकों की बदइंतजामी ने थोड़ा सुरुर फीका जरूर कर दिया।

हालांकि अरसे बाद केडी सिंह बाबू स्टेडियम एक बड़े फुटबॉल मैच की मेजबानी की। इसे देखकर 90 के दशक की वो याद ताजा हो गयी जब श्रीलंका के खिलाफ सचिन ने शतक लगाया था। तब सचिन के खेल के देखने दर्शक केडी सिंह बाबू स्टेडियम में खिंचे चले आए थे।

बात करे इस फुटबॉल के मुकाबले की तो चिर प्रतिद्धंदी मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के बीच मैच यहां शाम साढ़े छह बजे से हजरतगंज स्थित केडी सिंह बाबू स्टेडियम पर खेला जाना था जिसको देखने के लिये नवाब नगरी के फुटबॉल प्रेमी शाम साढ़े चार बजे से ही यहां जमा होना शुरु हो गये थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस निशुल्क प्रदर्शनी मैच का उदघाटन करना था जिसके चलते पुलिस प्रशासन भी सक्रिय हो गया था। स्टेडियम पर पार्किंग के लिये कोई स्थान निर्धारित नहीं होने के कारण वाहनो का प्रवेश शाम पांच बजे से ही निषेध कर दिया गया था।

मैच के बाहर फुटपाथ पर पुलिसकर्मियों ने अपनी अवैध वाहन पार्किंग बना ली और वाहन से आने वाले फुटबॉल प्रेमियों को बैरियर लगा कर रोक दिया गया जिससे बड़ी संख्या में दर्शक आयोजकों को कोसते हुये स्टेडियम के बाहर से ही घर वापस होने को मजबूर हुये।

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बदइंतजामी का स्तर इस कदर था कि प्रेस प्रतिनिधियों के वाहनो को भी पुलिस अधिकारियों ने प्रवेश करने से रोक दिया और जब उनसे फुटपॉथ पर पार्क करने की गुहार की गयी तो उनका जवाब था कि उन्हे साफ निर्देश मिले हैं कि उन्हे सिर्फ मुख्यमंत्री के लिये रास्ता साफ चाहिये और किसी भी वाहन का स्टेडियम अथवा फुटपाथ पर वाहन पार्क करना निषेध है।

स्टेडियम के भीतर भी हालात अप्रिय दिखे। मुकाबले में दर्शक जुटाने के लिये हालांकि पोस्टर बैनर पर खेल विभाग ने जम कर पैसे लुटाये लेकिन मैदान में प्रवेश करने से वंचित हुये खेल प्रेमी उन्हे कोसते नजर आये।

यहां तक कि प्रेस दीर्घा के लिये भी कोई निर्धारित स्थान न होने से पत्रकारों ने भी दर्शकों के बीच बैठ कर मैच कवर किया। रोमांचक मुकाबले के गवाह बनने से चूके दर्शकों ने स्टेडियम के बाहर पुलिस प्रशासन और आयोजकों की जमकर आलोचना की।

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