इस वजह से नेशनल मल्टीप्लेक्स चेन्स में दस्तक नहीं देगा लियो का हिंदी वर्जन

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साभार : गूगल

निर्देशक लोकेश कनगराज की पिछली फिल्में कैथी और विक्रम थीं. पिछले वर्ष रिलीज हुई कमल हासन स्टारर विक्रम को ओटीटी पर आने के बाद हिंदी दर्शकों ने काफी देखा.

हिंदी में लियो देखने के लिए जनता एक्साइटेड है. हिंदी दर्शकों को निराश करने वाली एक खबर आ रही है. नेशनल मल्टीप्लेक्स चेन्स में लियो नहीं रिलीज होगी. रिपोर्ट्स के अनुसार, इसकी वजह है फिल्म की ओटीटी रिलीज में, 8-हफ्ते बाद का गैप रखने वाला नियम.

नेशनल सिनेमा चेन्स में ये नियम है कि थिएटर्स में उसी फिल्म को रिलीज करेंगे जिसकी ओटीटी रिलीज, थिएट्रिकल रिलीज से 8 हफ्ते दूर रहेगी. इस फिल्म के मेकर्स ओटीटी रिलीज के लिए 4 हफ्ते की विंडो रखना चाहते हैं.

नेशनल मल्टीप्लेक्स चेन्स और सिंगल स्क्रीन्स ने ये तय किया है कि वो अपने थिएटर्स में उन्हीं फिल्मों को दिखाएंगे, जो ओटीटी पर कम से कम 8 हफ्ते बाद रिलीज होंगी.

इस गैप के चलते लॉकडाउन में थिएटर्स का बुरा हाल हुआ था. थिएट्रिकल और डिजिटल रिलीज के बीच एक अच्छा बैलेंस बनाने के लिए ये 8 हफ्ते का गैप रखा गया. फिल्मों का थिएट्रिकल बिजनेस जल्दी नीचे जाने लगता है तो इन्हें जल्दी ओटीटी पर रिलीज करने से थिएटर्स को आपत्ति नहीं होती.

फिल्म थिएटर्स में अच्छी कमाई कर रही हो तो उसके जल्दी ओटीटी पर आने से नुकसान तो होता ही है. जैसे – भूल भुलैया 2 थिएटर्स में 20 मई 2022 को रिलीज हुई और एक महीने के अंदर, 19 जून को ओटीटी पर.

कई ट्रेड एक्सपर्ट्स का मानना था कि 185 करोड़ रुपये का नेट कलेक्शन करने वाली ये फिल्म, अगर कुछ और हफ्ते के गैप के बाद ओटीटी पर आती, तो थिएटर्स में इसकी कमाई और बेहतर होती, शायद 200 करोड़ तक!

साउथ में तो ये नियम अक्सर टूटने लगा है और वहां मेकर्स थिएट्रिकल रिलीज के बाद, डिजिटल के लिए 4 हफ्ते का गैप रखने लगे हैं. नॉर्थ इंडिया में मामला अधिक कड़ा है और इसकी वजह ये है कि यहां के फिल्म बिजनेस में मल्टीप्लेक्स का योगदान ज्यादा है.

रिपोर्ट्स बताती हैं कि देश के सिंगल स्क्रीन थिएटर्स में से 62% दक्षिण भारत में हैं. साउथ में फिल्म प्रदर्शन का 70-75 प्रतिशत हिस्सा सिंगल स्क्रीन्स के पास है. उत्तर भारत के फिल्म बिजनेस में 70-80 प्रतिशत हिस्सा मल्टीप्लेक्स का है. यहां मल्टीप्लेक्स चेन्स ने रिलीज से मना किया, तो फिल्म के लिए बाकी का बिजनेस कम बचेगा.

कोरोना की वजह से जब लॉकडाउन लगा तो लंबे समय तक थिएटर्स बंद रहे. ऐसे में तमाम बड़े स्टार्स की फिल्में ओटीटी पर रिलीज होने लगीं.

फिल्मों पर मेकर्स का पैसा लगा था और उस समय किसी को आईडिया नहीं था कि थिएटर्स दोबारा नॉर्मल तरीके से कबतक खुल पाएंगे.

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लॉकडाउन के बाद वाले दौर में जब थिएटर्स को पहले आधी कैपेसिटी में खुलने की इजाजत मिली, तो हिंदी में भी कई फिल्में 4 हफ्ते के बाद ही ओटीटी पर रिलीज हुईं.

इनमें भूल भुलैया 2, सम्राट पृथ्वीराज, शमशेरा और एक विलेन रिटर्न्स जैसी फिल्में हैं. इसी दौर में थलपति विजय की मास्टर (2021) ने ओटीटी रिलीज का माहौल बदलने वाला काम किया.

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