एफपीओ के गठन से बढ़ेगी किसानों की जोखिम लेने की शक्ति

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लखनऊ। भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में मधुमक्खी पालन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र, लखनऊ एवं लघु कृषक कृषि व्यवसाय संघ द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत में डा.बीपी सिंह (प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी कृषि विज्ञान केन्द्र, लखनऊ) ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया।

मुख्य अतिथि डा.शान्तनु कुमार दुबे (निदेशक, भाकृअनुप–अटारी, कानपुर) ने फारर्मस प्रोडूसर्स आरगेनाइजेशन (एफपीओ) की आवश्यकता एवं गठन पर प्रकाश डालते हुये बताया कि हमारे देश एवं प्रदेश में घटती हुई जोत के कारण उन्नत कृषि तकनीकी एवं मशीनों का प्रयोग कम हो पा रहा है।

गन्ना अनुसंधान संस्थान में मधुमक्खी पालन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

किसानों के किसी ठोस समूह में न होने के कारण खेती मे उत्पादन से लेकर बिक्री तक बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

मुख्य अतिथि ने यह भी बताया कि एफपीओ के गठन से किसानों की जोखिम लेने की शक्ति बढ़ेगी, जिससे वे अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे तथा अपने उत्पाद को अच्छे दामों पर बाजार में बेच पायेंगे। जिससे उन‌की आमदनी में इजाफा होगा।

उन्होने कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग एवं प्रमाणीकरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इससे किसानों को अपने उत्पाद का बढ़ा हुआ मूल्य बाजार में मिलेगा।

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गोष्ठी में विशिष्ट अतिथिगण डा.रणजीत सिंह राजपूत (उप निदेशक, एसएफएसी, नई दिल्ली), डा. धन्नजय एम. बाखले (पूर्व राष्ट्रीय सलाहकार, मधुमक्खी पालन एवं विपणन (एफपीओ), डॉ. के लक्ष्मी राव (सेवानिवृत) सहा. निदेशक, केन्द्रीय मधुमक्खी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र,

श्रीमती सुजना कृष्णमूर्ति (वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन, इडी, यूटीएमटी, मुंबई सोसाइटी) एवं डॉ. बलराम वर्मा (उपनिदेशक, कृषि, लखनऊ) ने किसानो के लिए विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों  की जानकारी दी। अंत में डॉ. अखिलेश कुमार दुबे (अध्यक्ष, भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, लखनऊ) ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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