जीबीसी 4.0: अयोध्या-मथुरा और काशी, बनेंगे 40 हजार करोड़ के निवेश के साक्षी

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लखनऊ। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या, भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान मथुरा और भगवान शिव की नगरी काशी पूरी दुनिया में अपने धार्मिक महत्व के कारण चर्चा के केंद्र में रहते हैं। ये तीन स्थान करोड़ों हिंदुओं की आस्था का भी केंद्र हैं। धार्मिक पर्यटन के लिहाज से यह तीनों स्थल उत्तर प्रदेश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।

सीएम योगी के नेतृत्व में धार्मिक महत्व वाले जिलों में बड़ी निवेश परियोजनाएं लेंगी आकार

ऐसे में सोमवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होने वाली जीबीसी 4.0 के माध्यम से पीएम मोदी के हाथों इन तीन स्थानों पर करीब 40 हजार करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ होने जा रहा है। इन तीनों धार्मिक स्थलों का विकास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में है और जीबीसी के जरिए यह मूर्त रूप लेने जा रहा है।

वाराणसी : 15 हजार करोड़ से अधिक,  मथुरा : 13 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का होगा शुभारंभ

इसके अतिरिक्त प्रदेश के पांच अन्य धार्मिक स्थलों को मिलाकर कुल 86 हजार करोड़ की निवेश परियोजनाएं सोमवार को आकार लेने जा रही हैं। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में जीबीसी के माध्यम से 13486.63 करोड़ रुपए की कई परियोजनाओं का शुभारंभ सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा।

अयोध्या में 10 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का होगा शुभारंभ

इन परियोजनाओं की शुरुआत के साथ ही यहां बड़े पैमाने पर रोजगार का भी सृजन संभव हो सकेगा। मथुरा को 15000 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया था,जिसके सापेक्ष मथुरा 89.91 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने में सफल रहा। इसी तरह भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्याधाम में भी 10,155.79 करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी।

प्रदेश के प्रमुख 8 धार्मिक स्थलों में 80 हजार करोड़ की निवेश परियोजनाओं की भी होगी शुरुआत

22 जनवरी को ही अयोध्याधाम में प्रभु श्रीरामलला विग्रह के उनके भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ है।इससे पहले से ही भारी संख्या में उद्यमी अयोध्या में व्यापक स्तर पर होटल,रिजॉर्ट,होम स्टे के अलावा कई अन्य सेक्टर में निवेश के लिए लालायित हैं।

प्राण प्रतिष्ठा के बाद यहां उमड़ रही भक्तों की भीड़ को देखते हुए आने वाले दिनों में यहां और बड़ी संख्या में निवेश परियोजनाओं की शुरुआत  तय है। वहीं,भगवान शिव की नगरी वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है। यहां भी 15,313.81 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शुभारंभ होगा।

नैमिषारण्य के लिए प्रसिद्ध सीतापुर में सर्वाधिक 22 हजार करोड़ की परियोजनाएं होंगी शुरू

कुल 124 निवेशक यहां अपने उद्यम स्थापित करेंगे, जिससे 43 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेंगे। इसके अतिरिक्त ऋषिमुनियों की तपस्थली चित्रकूट,भगवान गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर,तीर्थराज प्रयागराज,

नैमिषारण्य तीर्थ के लिए प्रसिद्ध सीतापुर और देवी उपासना की स्थली विंध्याचल की भूमि मीरजापुर को मिलाकर कुल 8 धार्मिक स्थलों में 86 हजार करोड़ की परियोजनाएं मूर्त रूप लेंगी।

इन धार्मिक स्थलों पर भी होगी निवेश परियोजनाओं की शुरुआत

कुशीनगर को 1800 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था। वहीं संगमनगरी प्रयागराज में 9619.9 करोड़ रुपए की निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ होगा।

अगले वर्ष 2025 महाकुंभ को देखते हुए इन निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ महत्वपूर्ण होगा। चित्रकूट में भी 7047.37 करोड़ रुपए की परियोजनाएं मूर्त रूप लेने जा रही हैं, जबकि नैमिषारण्य तीर्थ क्षेत्र के लिए सीतापुर भी 21,801.8 करोड़ की निवेश परियोजनाओं को धरातल पर उतारने जा रहा है।

कुशीनगर में 1152.38 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शुभारंभ होगा

यह क्षेत्र सीएम योगी की प्राथमिकताओं में शीर्ष पर है,इसलिए धार्मिक स्थलों में यहां सर्वाधिक निवेश परियोजनाएं मूर्त रूप लेने जा रही हैं। मां विंध्यवासिनी धाम के लिए प्रसिद्ध मीरजापुर जनपद में भी 7358 करोड़ रुपए का निवेश धरातल पर उतरेगा। मीरजापुर को 6500 करोड़ का लक्ष्य मिला था,जिसे 113.21 प्रतिशत तक प्राप्त कर लिया गया है।

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