आजीवन लोक कल्याण को समर्पित रहे ज्ञानी दित्त सिंह

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लखनऊ। आजाद लेखक कवि सभा की ओर से श्री गुरु तेग बहादुर भवन चंदर नगर गेट आलमबाग में सिख कौम के महान विद्वान ज्ञानी दित्त सिंह के 173वें जन्मदिन पर विचार गोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी की कवि सभा के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह मोंगा ने की।

आजाद लेखक कवि सभा ने आयोजित की गोष्ठी

मुख्य रूप से देवेंद्रपाल सिंह बग्गा, हरपाल सिंह गुलाटी, आतमजीत सिंह, अजीत सिंह, त्रिलोक सिंह बहल, सरबजीत सिंह बख्शीश ने उनके जीवन पर प्रकाश डाला और पंजाबी कवि मनमोहन सिंह ने कविता पढ़कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने बताया कि ज्ञानी दित्त सिंह 21 अप्रैल 1853-1901) एक इतिहासकार, विद्वान, कवि, संपादक और एक प्रसिद्ध सिंह सभा सुधारक थे। उन्होंने सिख धर्म पर 70 से अधिक पुस्तकें लिखीं। उन्होंने सिंह सभा विचारधारा के प्रसार के लिए खालसा अख़बार को एक वाहन के रूप में इस्तेमाल किया।

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उनके दयानंद नाल मेरा संवाद और दुर्गा प्रबोध सिख दर्शन के प्रमुख ग्रंथ माने जाते हैं। उनका जन्म फतेहगढ़ साहिब जिले के कलौर गांव के एक अत्यंत गरीब परिवार में में हुआ था। वह आजीवन सामाजिक बुराइयों के खिलाफ संघर्षरत रहे और सामाजिक कल्याण को समर्पित रहे। गोष्ठी संचालक त्रिलोक सिंह बहल ने अतिथियों का आभार जताया।

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