लखनऊ। वर्तमान में जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग से बचाव के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की अपील की जाती है। हालांकि इसके साथ ये भी जरुरी है कि जो पेड़ बचे है, उसे बचाने का संदेश दिया जाये।
5 जून को करी थी बांग्लादेश टू ऑल इंडिया फ्रेंडशिप राइड की शुरुआत
इसी को देखते हुए वृक्षारोपण के माध्यम से दुनिया बचाने के लिए प्रिवेंट ग्लोबल वार्मिंग, प्रोटेक्ट ट्री, सेव वर्ल्ड का संदेश देने के लिए बांग्लादेश के महमुदुल हसन इफ़ाज़ ने बांग्लादेश टू ऑल इंडिया फ्रेंडशिप राइड के नाम से साइकिल से अपने सफर की शुरुआत की और फिर पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार होते हुए नवाबों के शहर लखनऊ पहुंचे।
भारत के प्रत्येक राज्य की राजधानी जाकर देंगे प्रिवेंट ग्लोबल वार्मिंग, प्रोटेक्ट ट्री, सेव वर्ल्ड का संदेश
लखनऊ पहुंचने के बाद गोमतीनगर, विनय खंड-2 स्थित मॉडर्न अकादमी में स्थित एसएनआई सेंटर फॉर स्पोर्ट्स एक्सीलेंस में आयोजित एक समारोह में उनका स्वागत व सम्मान हॉकी ओलंपियन सैयद अली और एसएनआई सेंटर फॉर स्पोर्ट्स एक्सीलेंस के निदेशक डा.आनन्द किशोर पाण्डेय ने किया।
इस अवसर पर ओलंपियन सैयद अली और डा.आनन्द किशोर पाण्डेय ने महमुदुल हसन इफ़ाज़ के उद्देश्य की सराहना की और कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायुपरिवर्तन के खतरे को देखते हुए पेड़ लगाने के साथ ही पेड़ बचाना भी जरुरी है और लोगों को महमुदुल हसन इफ़ाज़ के दिए गए संदेश पर ध्यान देने की जरुरत है।
महमुदुल हसन ने अभी तक 1756.1 किमी. साइकिल चलाई है और उनका उद्देश्य पूरी दुनिया को ये संदेश देना है कि प्रोटेक्ट ट्री, स्टॉप ग्लोबल वार्मिंग और सेव वर्ल्ड।
महमुदुल हसन बताते है कि वो साइकिल से भारत के प्रत्येक राज्य की राजधानी का सफर तय करेंगे और इस संदेश को पूरी दुनिया में फैलाने के लिए उनकी पूरी दुनिया की यात्रा करने की योजना है जिसका भारत पहला पड़ाव है।
महमुदुल हसन ने अपनी यात्रा की शुरुआत गत 5 जून को बांग्लादेश में अपने गृहनगर कमिला (कोमिल्ला) में नजरुल इंस्टीट्यूट सेंटर से की थी। ये चटगाँव प्रभाग में एक नगर है जो ढाका-चटगाँव राजमार्ग के किनारे स्थित है।
यहां से महमुदुल बांग्लादेश की राजधानी ढाका गये और फिर वापस अपने घर कमिला से होते हुए पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश बार्डर से 10 जून को भारत में आए और कोलकाता फिर झारखंड की राजधानी रांची और बिहार की राजधानी पटना पहुंचे और फिर वो लखनऊ पहुंचे।
लखनऊ में दो दिन के प्रवास के बाद महमुदुल हसन इफ़ाज़ उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के लिए रवाना होंगे। वो अपनी बांग्लादेश टू ऑल इंडिया फ्रेंडशिप राइड के दौरान लगभग 20,000 किमी. का सफर तय करेंगे।
सोशल मीडिया पर 𝐏𝐀𝐑𝐈𝐁𝐑𝐀𝐀𝐙 𝐄𝐅𝐀𝐙 के नाम से सेव ट्री का संदेश देने वाले महमुदुल हसन इफ़ाज़ साइकिलिंग के दीवाने है और अपना ज्यादातर सफर साइकिल से ही तय करते है।
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उनके पिता एक व्यवसायी है ओर अब वो भी इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे है। उनकी अपने गृहनगर में साइकिल की एक शॉप है और साइकिलिंग के फायदों के प्रचार के लिए उन्होंने कमिला साइकिलिस्ट नाम से एक साइकिलिंग कम्यूनिटी भी बनाई है और वो पिछले 12 साल से पेशेवर साइकिलिस्ट हैं।
महमुदुल हसन इफ़ाज़ ने अपने संदेश में कहा कि हाल ही में कुछ समय से जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के चलते कई देशों में मौसम की भयंकर मार देखने को मिल रही है तो कई जगह भीषण गर्मी भी पड़ रही हैं। इस हालात से बचना है तो लोगों को न सिर्फ ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए बल्कि उनकी देखभाल भी करनी चाहिए ताकि वो पूरी तरह पनप कर एक बेहतर दुनिया बनाने में मदद दे सकें।
उन्होंने कहा कि लोग पौधे लगाते है लेकिन लोगों को उनका आगे भी ख्याल रखना चाहिए जिससे ये पौधे पनप कर आने वाले समय में जंगल बन सकते हैं।
इसके साथ ही हमे जो पेड़ लगे है, उनको भी बचाने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने ये भी अपील कि पर्यावरण बचाने के लिए हम ऐसी जीवनशैली अपनाए जिससे पर्यावरण का कम से कम नुकसान हो। लोगों को चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा साइकिल का प्रयोग करें यानि साइकिलिंग कल्चर अपनाए।