गंगा की तरह ही गोमती का संरक्षण करेगी गोमती टास्क फोर्स

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प्रादेशिक सेना की गंगा टास्क फोर्स (जीटीएफ) बटालियन नें लखनऊ में एक नई कंपनी की स्थापना के साथ गोमती नदी को पुनर्जीवित करने के लिये एक नये मिशन की शुरूआत की।

आज लखनऊ कैंट में आयोजित एक भव्य सैन्य समारोह मे कमांडर, प्रादेशिक सेना ग्रुप मुख्यालय, मध्य कमान ने विशेष प्रार्थनाओं, माइलस्टोन का अनावरण और कार्य शुरू करने के लिये पलाश के वृक्ष का रोपण सहित विभिन्न कार्यक्रमों के बीच कमान अधिकारी, गंगा टास्क फोर्स को प्रतीकात्मक ध्वज सौंपा।

गंगा टास्क फोर्स वर्तमान में उत्तर प्रदेश के तीन जिलों – कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी में काम कर रही है। गंगा टास्क फोर्स के सराहनीय कार्य को देखते हुए लखनऊ में भी गोमती के पुनरोद्धार एवं संरक्षण के लिए गोमती टास्क फोर्स का गठन किया गया है। गोमती टास्क फोर्स, गोमती के पुनरोद्धार के लिया राज्य स्वच्छ गंगा मिशन- उ०प्र० एवं जिला गंगा समिति, लखनऊ के साथ मिलकर कार्य करेगी।

इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में ब्रिगेडियर चिन्मय माधवल, कर्नल हेम लोहमी, एस० एम (सेवानिवृत्त), संस्थापक-अतुल्य गंगा, सितान्शु पाण्डेय, डीएफओ अवध वन प्रभाग एवं सचिव-जिला गंगा समिति, लखनऊ, प्रोफेसर वेंकटेश दत्ता, बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी,

कर्नल अरविंद प्रसाद, सीओ, सोनालिका सिंह, यूनिट हेड, राज्य स्वच्छ गंगा मिशन-उ० प्र०, जलदूत नंद किशोर वर्मा,सदस्य-जिला गंगा समिति, लखनऊ, शिवांग वर्मा, जिला परियोजना अधिकारी-जिला गंगा समिति, लखनऊ, लेफ्टिनेंट कर्नल सौरभ, कंपनी कमांडर मेजर के० एस० नागी और 137 कम्पोजिट इको टास्क फोर्स और सरदार साहिबान के अधिकारी शामिल थे।

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इस अवसर पर बोलते हुये, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर वेंकटेश दत्ता, जिन्होंने पहले नवगठित टास्क फोर्स के सदस्यों के लिये गोमती नदी के इतिहास और चुनौतियों पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था, ने अपना विश्वास व्यक्त किया कि नवगठित कार्य बल नदी को तेजी से पुनर्जीवन में अत्यधिक योगदान देगा।

यह कंपनी जल शक्ति मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के वित्त पोषण से गंगा टास्क फोर्स का हिस्सा है। इस कंपनी की स्थापना के आदेश सितम्बर 2024 में रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किये गये थे।

गंगा टास्क फोर्स में मुख्य रूप से पूर्व सैनिक शामिल होंते है जिन्हे मुख्य रूप से प्रदूषण निगरानी, घाटों और संवेदनशील नदी क्षेत्रों में करना, जन जागरूकता अभियान और नदी तट स्थिरीकरण की जिम्मेदारी सौंपी जायेगी।  यह टास्क फोर्स राष्ट्र निर्माण मे भारतीय सेना की भूमिका को दुसरो के बीच में और बढायेगा।

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