भारत सरकार की टीम ने की अटल भूजल योजना की प्रशंसा

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लखनऊ : भारत सरकार की टीम ने बुंदेलखंड के गांव-गांव में अटल भूजल योजना के कार्यों की सराहना की। टीम ने विभिन्न जनपदों के निरीक्षण में स्थाई भूजल प्रबंधन के प्रयासों को देखा। सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से किसानों के जीवन में आए बदलाव को जाना। अमृत सरोवरों के निर्माण व भूजल संरक्षण के प्रयासों की सराहना भी की।

शुक्रवार को भारत सरकार की टीम ने अपने अनुभवों को नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव के साथ साझा किया।

27 से 29 जून तक महोबा, बांदा, हमीरपुर में किये गये निरीक्षण में भारत सरकार की टीम ने पाया कि अटल भूजल योजना से कई क्षेत्रों में सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के उपयोग में 3 गुना तक बढ़ोत्तरी हुई है। टीम ने सदस्यों ने प्रमुख सचिव को बताया कि जन समूहों में परियोजना की समझ भी बढ़ रही है।

गांव-गांव में बढ़ रही सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के उपयोग की भी सराहना की

अभियान में लगे अधिकारी परियोजना की जानकारी बखूबी जनमानस तक पहुंचा रहे हैं। अटल भूजल एप का प्रयोग भी क्षेत्रीय जनता अपने ग्राम पंचायत की भूजल जानकारी के लिए कर रही है। टीम द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि इन्सेन्टिव कम्पोनेन्ट में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।

क्षेत्रीय जनता द्वारा अटल भूजल एप के प्रयोग से प्रसन्न हुए अधिकारी

बैठक में संयुक्त सचिव सुबोध यादव ने प्रदेश में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी अटल भूजल योजना के क्रियान्वयन पर प्रसन्नता व्यक्त की। नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने एनपीएमयू टीम को उनके सहायोग एवं दिशा-निर्देश के लिए धन्यवाद दिया।

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बैठक में जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त सचिव सुबोध यादव( आईएएस), अटल भूजल योजना नई दिल्ली के परियोजना निदेशक प्रतुल सक्सेना, अटल भूजल योजना के उप निदेशक जितेश तातिबाल,

अटल भूजल योजना की उप निदेशक मधुमन्ती रॉय, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के विशेष सचिव राजेश पाण्डेय, भूगर्भ जल विभाग निदेशक वीके उपाध्याय,अधिशासी अभियन्ता अनुपम और अमोद कुमार समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

परंपरागत जल स्रोतों के प्रोत्साहन को सराहा

भारत सरकार की टीम ने बांदा में ग्राम पंचायत लुकतरा में तालाब के निरीक्षण के साथ परंपरागत जल स्रोतों के प्रोत्साहन के लिए किये जा रहे कुआं पूजन कार्यक्रम की सराहना की। महोबा की किडारी, काली पहाड़ी और अंतरार माफ ग्राम पंचायतों में नवनिर्मित अमृत सरोवर तालाबों को देखा।

जल संरक्षण के प्रयासों और स्थाई भूजल प्रबंधन से किसानों के जीवन में बदलाव 

यहां सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियों के लाभार्थियों से उन्होंने बातचीत की। पपरेन्दा ग्राम पंचायत में रुफ टॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सोकपिट और मवई बुजुर्ग ग्राम पंचायत में गोसाई तालाब का स्थलीय निरीक्षण किया। हमीरपुर में गुन्देला ग्राम पंचायत में ग्रामीणों से जन सवाद किया और यहां निर्मित अमृत सरोवर भी देखा।

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