अवधेश चौधरी ने जीती डा.भीमराव अंबेडकर मैराथन, पढ़े रिपोर्ट

0
59

लखनऊ। भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती की पूर्व संध्या पर राजधानी लखनऊ में “डॉ. अंबेडकर मैराथन” का आयोजन बड़े उत्साह, सामाजिक चेतना और जनसहभागिता के बीच सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में 5000 से अधिक लोगों ने भाग लेकर बाबा साहब के विचारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।

विजेताओं को मिले नगद पुरस्कार

मीडिया प्रभारी प्रवीण गर्ग के अनुसार, मैराथन में अवधेश चौधरी ने पहला स्थान प्राप्त कर ₹50,000 का पुरस्कार जीता। अनुपम को द्वितीय पुरस्कार स्वरूप ₹25,000, जबकि पंकज यादव को तृतीय पुरस्कार के रूप में ₹15,000 प्रदान किए गए।

इसके अतिरिक्त इस्लाम अली, संदीप पाल, राहुल सहरमन, सरनालईया, उजाला, शिल्पी, प्रतिक्षा यादव, प्रेमलता और शशिलता को सांत्वना पुरस्कार स्वरूप ₹5,000-₹5,000 की राशि दी गई।

समारोह का भव्य शुभारंभ

इस दौड़ का शुभारंभ भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह और कार्यक्रम संयोजक नीरज सिंह द्वारा के.डी. सिंह बाबू स्टेडियम में मशाल प्रज्वलन और झंडी दिखाकर किया गया।

बाबासाहब को श्रद्धांजलि

दौड़ के समापन पर सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल, गोमती नगर स्थित डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, राज्यसभा सांसद बृजलाल, प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह, लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, एमएलसी मुकेश शर्मा, विधायकगण, महापौर सुषमा खर्कवाल सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

एकता, समानता और चेतना का संदेश

अपने उद्बोधन में धर्मपाल सिंह ने कहा, “यह आयोजन बाबा साहब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने और समाज में एकता, समानता एवं न्याय के मूल्यों को स्थापित करने का सशक्त माध्यम है।”

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “बाबा साहब ने न केवल संविधान दिया, बल्कि हर नागरिक को गरिमा, समान अवसर और अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया। उनका जीवन हमें प्रेरणा देता है कि हम भी उनके पदचिन्हों पर चलते हुए न्यायपूर्ण समाज की स्थापना करें।”

कार्यक्रम संयोजक नीरज सिंह ने कहा, “बाबा साहब केवल संविधान निर्माता नहीं, बल्कि युगद्रष्टा समाज सुधारक थे, जिनका जीवन वंचितों के उत्थान को समर्पित था। यह मैराथन उनके विचारों को आगे बढ़ाने की एक विनम्र पहल है।”

आयोजन बना जन-जन का उत्सव

पूरे मैराथन रूट पर भाजपा लखनऊ महानगर के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने दौड़ में शामिल युवाओं पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। जगह-जगह लोगों ने जल सेवा, तालियों और उत्साह से प्रतिभागियों का अभिनंदन किया। अटल चौक से शुरू होकर 1090 चौराहे तक पहुँची इस दौड़ ने लखनऊ की सड़कों को सामाजिक समरसता के रंगों से भर दिया।

ये भी पढ़ें : थाला का अंतिम IPL? लखनऊ में धोनी का जादू या एलएसजी का जोश

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here