लखनऊ : बच्चों में संस्कार भरने वाले दादा-दादी और नाना-नानी हर घर की बुनियाद होते हैं। इसलिए सेंट्रल अकैडमी एल्डिको ग्रीन्स विद्यालय के प्रांगण में ग्रैंड पैरेंट्स डे समारोह का भव्य आयोजन किया गया। समारोह में छात्रों के नाना-नानी और दादा-दादी को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।
अपनी तरह के इस अनूठे आयोजन में बुजुर्गों ने विभिन्न रोचक प्रतियोगिताओं व खेल में जोरदार भागीदारी कर अपने बचपन को साकार किया। बच्चों के नाना-नानी और दादा-दादी को विभिन्न प्रतियोगिताओं में देखना अपने आप में एक रोचक अहसास था। इन बुजुर्गों ने भी अपनी प्रतिभा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
समारोह में छोटे बच्चों के लिए कई तरह के आयोजन किए गए थे। कुल मिलाकर इस अनूठे आयोजन ने बच्चों और बुजुर्गों सभी को एक कर दिया। समस्त सेंट्रल एकेडमी शाखाओं की प्रधानाचार्यों ने अपनी गरिमामई उपस्थिति से कार्यक्रम को गति प्रदान की।
यूपी रीजन के डायरेक्टर हरीश पांडे व निर्देशिका श्रीमती वीना पांडे ने समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्ज्जवित करके किया। सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई । लघु-संवाद द्वारा कक्षा प्रेप के बच्चों ने अपने उत्साह का प्रदर्शन किया तथा नर्सरी कक्षा के बच्चों ने भी सामूहिक नृत्य द्वारा विद्यालय प्रांगण में उपस्थित सभी का मन मोह लिया।
नन्हे मुन्ने बच्चों ने अनेक मनमोहक प्रस्तुति के द्वारा अपने दादा दादी व नाना नानी को सम्मानित किया व उनके प्रति अपने प्यार को प्रस्तुत किया । कार्यक्रम में नौनीहालों व उनके बजुर्गो में विभिन्न प्रतियोगिताएं करवाई गईं व पुरस्कार वितरण भी किया गया। बच्चों के ग्रैंड पेरेंट्स सहित बच्चे भी प्रफ्फुलित नजर आ रहे थे ।
ये भी पढ़ें : हिन्दू महासभा रोहिंग्या और बंगलादेशियों को लेकर सख्त
इस मौके पर विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती मितुषी नेगी ने कहा कि बच्चों के बड़े. बुजुर्गो ने इस समारोह में आकर न सिर्फ बच्चों की हौसला अफजाई की बल्कि उनका मान भी बढ़ाया है। बच्चों को संस्कारवान बनाने में घर के बुजुर्गों की बड़ी भूमिका होती है ।
बाल्यावस्था का समय ऐसा होता हैए जिसमें बच्चों में जिस तरह के संस्कार डाल दिए जाते हैंए वैसा ही उनका व्यक्तित्व बन जाता है। ये काम घर के बड़े-बुजुर्ग ही कर सकते हैं ।
इस मौके पर विद्यालय की प्रधानाचार्या ने यह भी कहा कि बच्चों व उनके दादा -दादी का रिश्ता बड़ा अनमोल होता है उन्होंने बताया कि विद्यालय में इस तरह के कार्यक्रम को करवाने के पीछे उनका उद्देश्य नौनिहालों व उनके दादा-दादी में प्यार के अनमोल रिश्ते को बल देना था ।