औ‌द्योगिक क्षेत्रों में स्थापित होंगे रूफ टॉप सोलर प्लांट, ग्रीन बेल्ट्स और सोलर पथ

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कानपुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा दे रही योगी सरकार की इस पहल से न सिर्फ पर्यावरण को लाभ हो रहा है, बल्कि सरकारी विभागों के विद्य़ुत खपत पर होने वाले खर्च में भी बड़ी राहत मिली है।

इसी क्रम में मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश राज्य औ‌द्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) भी ग्रीन एनर्जी के उपयोग को और विस्तार दे रहा है।

यूपीसीडा ने यूपीनेडा की मदद से औद्योगिक क्षेत्रों में 53 महत्वपूर्ण स्थानों पर कराया सर्वेक्षण

यूपीसीडा ने अपने कानपुर मुख्यालय में रूफ टॉप सोलर प्लांट की सफलता को देखते हुए अब अपने अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी रूफ टॉप सोलर प्लांट, ग्रीन बेल्ट्स और सोलर पथ बनाने की योजना तैयार की है।

योजना के अनुसार, प्राधिकरण ने अपने औ‌द्योगिक क्षेत्रों में स्थित विभिन्न सार्वजनिक सुविधाओं जैसे प्रशासनिक भवनों, नागरिक केंद्रों, कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी), ट्रांजिट हॉस्टल, कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स (सीईटीपी) और क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालयों पर सोलर रूफटॉप प्लांट्स लगाने का प्रस्ताव रखा है।

सोलर पथ मार्ग स्थायी प्रकाश समाधान करने में होंगे सक्षम, बिजली ग्रिड पर कम होगी निर्भरता

उल्लेखनीय है कि कानपुर मुख्यालय में रूफ टॉप सोलर प्लांट के माध्यम से प्राधिकरण ने पिछले कुछ महीनों में कुल 27.35 लाख रुपए की बिजली बिल में बचत की है। प्राधिकरण का आंकलन है इस पहल से अगले 23 वर्षों में यूपीसीडा को लगभग 1104 लाख रुपए की शुद्ध बचत हो सकेगी।

दो वर्षों में पूरी लागत वसूल

कॉर्बन उत्सर्जन को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए यूपीसीडा ने जनवरी 2024 में अपने मुख्यालय कानपुर में 150 किलोवॉट का सोलर रूफटॉप ऑनबिड प्लांट स्थापित किया था।

यह परियोजना उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) की सहायता से कैपेक्स मॉडल (CAPEX MODEL) पर 82.98 लाख रुपए की लागत से पूरी की गई थी।

यूपीसीडा के मुख्यालय में लगा सोलर प्लांट सफल, यूपीसीडा की ग्रीन एनर्जी पहल विस्तार की योजना

इस सोलर प्लांट के स्थापित होने के बाद से प्राधिकरण ने जनवरी और फरवरी 2024 में 35 प्रतिशत ऊर्जा की बचत की, जबकि मार्च 2024 में 32.42 प्रतिशत, अप्रैल और मई 2024 में 56.92 प्रतिशत और जून-जुलाई 2024 में 34.95 प्रतिशत की ऊर्जा बचत दर्ज की गई।

यूपीसीडा ने पिछले कुछ महीनों में बिजली बिल में की 27.35 लाख रुपए की बचत

इस तरह, कुल लागत का लगभग 33 प्रतिशत पहले ही रिकवर किया जा चुका है। इस परियोजना के तहत, लगभग दो वर्षों में प्राधिकरण को लगभग पूरी लागत वसूल हो जाएगी।

इन सोलर पैनलों की समय सीमा अवधि लगभग 25 वर्ष है। इस प्रकार, अगले 23 वर्षों तक यह सोलर प्लांट यूपीसीडा को लगभग 1104 लाख रुपए की शुद्ध बचत प्रदान करने में मदद करेगा।

विभिन्न जनपदों में स्थित औद्योगिक क्षेत्रों में शुरू होगी ग्रीन पहल

ग्रीन एनर्जी के विस्तार को लेकर यूपीसीडा की योजना के अनुरूप विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में यूपीनेडा की सहायता से किए गए सर्वेक्षण में 53 महत्वपूर्ण स्थानों की पहचान की गई है, जिनका कुल विद्युत भार लगभग 2000 किलोवॉट है।

इनमें एमजी रोड (हापुड़), बेगराजपुर (सिकंदराबाद), सूरजपुर साइट-बी (गौतम बुद्ध नगर), साइट 5 कासना (सूरजपुर), सिकंदराबाद (बुलंदशहर), ईपीआईपी कासना, टीडीएस सिटी (बागपत), फाउंड्री नगर (आगरा), कोसी कोटवान (मथुरा), भोगांव (आगरा), चिनहट (लखनऊ),

रायबरेली, सण्डीला (हरदोई), कुर्सी रोड (बाराबंकी), जैनपुर (कानपुर देहात), मलवान (फतेहपुर), नैनी (प्रयागराज), करखियाव (वाराणसी), बरगढ़ (चित्रकूट), उन्नाव, बंथर, परसाखेडा (बरेली), गजरौला-2 (जेपी नगर) और शाहजहांपुर जैसे स्थान शामिल हैं।

इसके अलावा, यूपीसीडा अपने औ‌द्योगिक क्षेत्रों में ग्रीन बेल्ट्स के साथ सोलर पथ मार्ग बनाने की भी योजना बना रहा है। ये पथ मार्ग न केवल बाहरी स्थानों की सुंदरता को बढ़ाएंगे,

बल्कि एक स्थायी प्रकाश समाधान भी प्रदान करेंगे, जो बिजली ग्रिड पर निर्भर नहीं करता है। यह सोलर पथ मार्ग पार्क, खेल के मैदान और आसपास के रास्तों के लिए आदर्श होंगे, जो पर्यावरणीय स्थिरता और औ‌द्योगिक क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण में योगदान देंगे।

उद्यमियों को भी किया जा रहा प्रेरित

यूपीसीड़ा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने बताया की भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार की सौर ऊर्जा नीति 2022 के अनुरूप प्राधिकरण मुख्यालय कानपुर, समेत समस्त क्षेत्रीय कार्यालयों व परियोजना इत्यादि में भी सोलर रूफटॉप प्लांट जल्द स्थापित करेगा।

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साथ ही यूपीसीडा औ‌द्योगिक क्षेत्रों में स्थापित इकाइयों के उद्यमियों को भी अपनी फैक्ट्री में सोलर रूफटॉप लगाने व उससे होने वाले लाभ के संबन्ध मैं जागरूक करते हुए उनको अपनी इकाइयों मैं सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रेरित कर रहा है। इसके परिणामस्वरूप उ‌द्यमी इस ओर आकर्षित भी हो रहे हैं। इससे विद्युत बिल तो कम होंगे ही साथ ही साथ ऊर्जा उत्पादन में भी योगदान बढ़ेगा।

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