लैंड पोर्ट अथॉरिटी में होली मिलन, हास्य कवियों ने बांधा समां

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लखनऊ। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के तत्वावधान में भारत-नेपाल सीमा पर होली पर रुपईडीहा इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट सभागार में होली मिलन समारोह एवं हास्य कवि सम्मेलन आयोजित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर पंचायत रुपईडीहा के चेयरमैन डॉक्टर उमाशंकर वैश्य रहे जिसमें भारत व नेपाल दोनों देशों के कवियों ने अपनी-अपनी रचनाएं पेश कर वाह-वाही लूटी। संचालन कवि तिलकराम अजनबी ने किया।

शुरुआत में लैंड पोर्ट ऑफ़ इंडिया के प्रबंधक सुधीर शर्मा ने सभी आए हुए अतिथियों का पुष्प पुंज देकर स्वागत किया और फिर कवि वीरेश पांडेय ने वंदना आरती गाकर कवि सम्मेलन की शुरूआत की।

बहराइच से आए हुए वरिष्ठ शायर रईस सिद्दीकी ने होली पर अपनी रचना पेश करते हुए पढ़ा चारसू मोहब्बत में रंग भरती है होली, नफरत भी जलता है जब यह जलती है होली, आज दुश्मनों को भी तुम गले लगा लेना, दूरियां मिटाती हैं प्यार देती हैं यह होली, तूने तो नए कपड़े भी पहन लिए होंगे हम पर क्या गुजरती है जब यह आती है होली जिसे खूब सराहा गया।

इसी क्रम को आगे बढ़ते हुए नेपाल से आए हुए कवि व लेखक सरदार मधई सिंह ने राजनीतिक परिवेश को देखते हुए अपनी रचना पेश की। नेपाली कवियत्री कृष्णा पाण्डेय एवं क्षेत्रीय कवि शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने अपनी रचना पेश की। नेपाल कस्टम अधीक्षक जनार्दन पौडेल ने अपनी युवावस्था में लिखी हुई कविता पेश की।

इसी क्रम में कवि डॉक्टर अशोक पांडे गुलशन ने अपनी रचनाएं पेश कर खूब वाहवाही लूटी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ उमा शंकर वैश्य के द्वारा वीरेश पाण्डेय, शैलेन्द्र कुमार मिश्र, अशोक पाण्डेय, रईस अहमद सिद्दीकी, पीके प्रचंड, तिलक राम अजनबी, जनार्दन पौडल, सरदार मधई सिंह कवियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में भारत व नेपाल के कस्टम, एसएसबी, इमीग्रेशन, प्लांट क्वारंटाइन, फ़ूड क्वारंटाइन, कस्टम हाउस एजेंट के कर्मचारियों सहित दोनों देशों के गणमान्य व्यक्ति एवं पत्रकार मौजूद रहे।

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