लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 72वें जन्मदिवस के अवसर पर “सेवा पखवाड़े” के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड
चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में “नि:शुल्क होम्योपैथिक परामर्श निदान एवं दवा वितरण शिविर” का आयोजन हेल्प एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में हुआ।
शिविर का शुभारंभ ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्षवर्धन अग्रवाल तथा शिविर के परामर्शदाता चिकित्सक डॉ. संजय कुमार राणा ने दीप प्रज्वलन करके किया।
ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्षवर्धन अग्रवाल ने डॉक्टर संजय कुमार राणा का आभार जताते हुए कहा कि “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट “नर सेवा नारायण सेवा” को अपना लक्ष्य मानते हुए निरंतर ही आमजन की सेवा में लगा हुआ है। इसी कड़ी में आज ट्रस्ट द्वारा होम्योपैथिक शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
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परामर्शदाता डॉ संजय कुमार राणा ने कहा कि “आज की तारीख में पूरी दुनियामें 30 करोड़ से ज्यादा लोग होम्योपैथी में भरोसा करते हैं। एलोपैथी जहां बीमारियों का पता लगाने, जांच करने का सबसे विश्वसनीय तरीका है वहीं बीमारी को दबाने की बजाय उसे जड़ से खत्म करने के लिए होम्योपैथी आज भी ज्यादा भरोसेमंद मानी जाती है।
होम्योपैथी एक पूरी तरह सुरक्षित चिकित्सा पद्धति है। एलोपैथी के उलट इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। अंग्रेजी मेडिसिन में आप जिस भी बीमारी के इलाज के लिए जिस भी दवा का सेवन करते हैं उसका कोई ना कोई साइड इफेक्ट जरूर होता है।
ट्यूबरक्लोसिस की दवा टी बी का इलाज तो करती है लेकिन साथ ही लीवर पर भी नकारात्मक असर डालती है। माइग्रेन के लिए ली जा रही दवा का साइड इफेक्ट यह है कि यह रक्त को पतला करती है। किसी भी तरह के दर्द के लिए जो हम पेन किलर लेते हैं वह पेन किलर शरीर की इम्युनिटी को कमजोर कर रहा होता है।
लेकिन होम्योपैथी के साथ ऐसा नहीं है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह दवा सिर्फ उसी बीमारी और कष्ट का ही निवारण करती है जिसके लिए वह दी जा रही है।
होम्योपैथी शिविर में विभिन्न बीमारियों जैसे कि सीने में दर्द होना, भूख ना लगना, सांस फूलना, गुर्दे की बीमारी, मधुमेह, रक्तचाप, उलझन या घबराहट होना, पेट में दर्द होना, गले में दर्द होना, थकावट होना, पीलिया, थायराइड, बालों का झड़ना आदि से पीड़ित 43 रोगियों के वजन, रक्तचाप तथा मधुमेह की जांच की गई।
डॉ संजय कुमार राणा ने परामर्श प्रदान किया तथा नि:शुल्क होम्योपैथी दवा प्रदान की। महिलाएं, पुरुष, बुजुर्गों तथा
बच्चों सभी उम्र के लोगों ने होम्योपैथी परामर्श लिया।