एक रात में अलग-अलग खेलों के लिए हैंगर तैयार करने में इतनी मशक्कत, पढ़े रिपोर्ट

0
167

पणजी: कंपाल ओपन ग्राउंड में स्थित तीसरे नंबर के हैंगर में मलखंभ के मुकाबले समाप्ति की ओर थे। तभी किसी ने कहा, ”कल से यहां कुश्ती के मुकाबले होंगे.

सुनने में तो लगता है कि सबकुछ तैयार है और बिना किसी परेशानी के मुकाबले शुरू हो जाएंगे लेकिन किसी एक अस्थाई हैंगर को एक खेल से दूसरे खेल के लिए परिवर्तित करने के लिए जो मेहनत और तकनीकी ज्ञान लगता है, वह आम लोगों की सोच से परे है।

साथ ही इसके लिए बड़ी संख्या में श्रमिक और तकनीकी लोगों की जरूरत होती है और फिर उनकी एक या दो रातें काली होने के बाद ही हैंगर किसी अन्य खेल के लिए तैयार हो पाता है।

अब बताते हैं कि हैंगर क्या है। हैंगर एक अस्थायी वेन्यू है, जिसके अंदर एक के बाद एक कई खेलों का आयोजन होता है। कंपाल में तीन हैंगर हैं। तीनों में अलग-अलग समय पर अलग-अलग खेलों का आयोजन हो रहा होता है। इन हैंगरों में कई तरह के केबिन होते हैं, जिनका इस्तेमाल दफ्तरों को तौर पर होता है।

गोवा में पहली बार आयोजित किए जा रहे 37वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान कई खेलों का आयोजन विशालकाय हैंगरों में हो रहा है। कंपाल ओपन ग्राउंड को एक बेहतरीन वेन्यू के रूप में तब्दील किया गया है। इन हैंगरों में भारोत्तोलन, कुश्ती, मलखंभ, पेंचक सिलाट, जूडो और वुशू जैसे खेलों का आयोजन हो रहा है।

तो आखिरकार एक हैंगर को एक के बाद एक किसी खेल के लिए कैसे तैयार किया जाता है। इस तरह के एक मेकशिफ्ट वेन्यू को बनाने में तीन एजेंसियां साथ मिलकर काम कर रही हैं। एसएफए के अलावा गो बनाना है, जिसका काम ओवरलेज का है और कोलाज का काम डिजाइन का है। एसएफए का मुख्य काम हर चीज को एक्जीक्यूट करना है।

हैंगर के अलावा यहां पर कंपाल स्थित इंडोर हॉल, गोवा यूनिवर्सिटी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंडोर हॉल और पैंडम स्थित मल्टीपर्पज इंडोर हॉल जैसी कुछ स्थाई जगहें है, जहां कई खेलों का आयोजन होता है। मुख्य बात यह है कि वहां भी इसी तरह से अलग-अलग खेलों के लिए एफओपी तैयार होता है।

इसमें राष्ट्रीय खेलों की मुख्य इवेंट एजेंसी- स्पोर्ट्स फार आल (एसएफए) की मुख्य भागीदारी है। पूरे खेलों के दौरान एसएफए युद्धस्तर पर काम करता है और यह सुनिश्चित करता है कि खेलों के आयोजन में कोई कमी या देरी ना हो।

कंपाल ओपन ग्राउंड के सीनियर एरिया और वैन्यू आपरेशंस मैनेजर कृ्ष्णा एसएफए के लिए काम करते हैं। वह किसी एक हैंगर को आने वाले दिनो में किसी अन्य खेल के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

कृष्णा ने कहा, ” 37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए हमारे पास तैयारी करने का समय कम था, लेकिन इसके बावजूद हमने इसे करके दिखा दिया। मेरी भूमिका यहां पर सभी चीजों की देखभाल करना। कंपाल ओपन ग्राउंड में तीन हैंगर हैं, जहां पर कई खेलों का आयोजन किया जा रहा है। हैंगर नंबर-3 में मलखंभ खत्म हो चुका है और अब यहां पर कुश्ती का आयोजन किया जाएगा।

ये भी पढ़ें : 37वें राष्ट्रीय खेल : महिला 2000 मीटर सिंगल स्कल में उत्तर प्रदेश की किरन देवी की चांदी

एक खेल के खत्म होने के बाद दूसरे खेल के लिए वैन्यू को तैयार करने में कितना समय लगता है। इस पर कृष्णा ने कहा, ” ये खेल पर निर्भर करता है। यह देखना होता है कि किस खेल के लिए वेन्यू को तैयार करना है।

उसी अनुसार समय लगता है। कुछ खेल ऐसे भी हैं, जिनके लिए हमें हैंगर तैयार करने में सिर्फ एक रात ही लगती है। कुश्ती के लिए तो हमारे पर्याप्त समय है लेकिन हमने रात के काम शुरू कर दिया है। कुश्ती के लिए सभी जरूरत की चीजें आने के बाद हम मैट को तैयार कर देंगे।

कृष्णा ने आगे कहा कि एक खेल आयोजन के बाद जब दूसरे के लिए वेन्यू को तैयार करने के लिए रातोंरात सबकुछ बदलना पड़ता है, तो काम मुश्किल हो जाता है। बकौल कृष्णा,- इसके लिए फिर 30 से 40 लोगों को काम पर लगाया जाता है। ये सारा काम मेरी ही निगरानी में होता है।

रेसलिंग मैट को सेट करने के लिए के लिए डीओसी साथ में होते हैं। डीओसी ही फ्लोर का नाप लेते हैं और फिर हम उसी अनुसार एफओपी तैयार करते हैं। साथ ही हर बदलते खेल के साथ हैंगरों में प्रैक्टिस एरिया भी बनाया जाता है।

कृष्णा कहा, ” वैन्यू शिफ्ट करते समय हमें एफओपी (फील्ड आफ प्ले) का खास ख्याल रखना होता है और वहां से दूसरे गेमों से जुड़ी सारी चीजें खाली कर देते हैं।

उसके बाद डीओसी सभी चीजों को ओके करता है और फिर एफओपी रेडी होने के बाद सबकुछ तय कर लिया जाता है। हैंगर-1 में भारोत्तोलन के बाद जूडो होगा और फिर वुशु भी होगा। भारोत्तोलन से जूडो को शिफ्ट करने में दो दिन का समय लगेगा।

कृष्णा ने कहा कि पहलवानों ने रेसलिंग के लिए आना शुरू कर दिया है और डीओसी के आने तक हम अपनी सारी तैयारियां कर लेंगे। कृष्णा बोले,-हैंगर-1, 50 गुणा 40 मीटर आकार का है जबकि हैंगर-2 का आकार 70 गुणा 40 मीटर का है।

तीसरा हैंगर 85 गुणा 40 मीटर का है। हर हैंगर को तैयार करने में चार से पांच दिन का समय लगता है। हमें इसके लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) भी मिला है। गेम के दौरान फायर ब्रिगेड के दो लोग हमेशा हर एक वैन्यू पर मौजूद रहते हैं।

कृष्णा ने बताया कि 37वें राष्ट्रीय खेलों में स्पोर्ट्स फॉर ऑल ने हर हैंगर में करीब 20 अपने सुरक्षाकर्मी तैनात कर रखे हैं और हर हैंगर में कई आपात द्वार भी हैं। कृष्णा बताते हैं कि खेलों से जुड़े उपकरण सुरक्षा के बीच एक वेयरहाउस में रखे जाते हैं और एक खेल के खत्म होने के बाद उपकरण वहीं पहुंचा दिए जाते हैं। फिर नए खेल से जुड़े उपकरण रातों-रात वेन्य पर लाए जाते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here