योजनाओं की सफलता के लिए कैसे बने बेहतर डीपीआर, हुआ विमर्श

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लखनऊ। प्रदेश में गंगा और उसकी सहायक नदियों में गिरने वाले नालों के लिए सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट स्थापित किये जाने से पूर्व डीपीआर तैयार करने और इनके मुद्दे व चुनौतियों पर उप्र जल निगम (ग्रामीण व शहरी) के मुख्य अभियन्ताओं, अवर अभियन्ताओं

तथा सहायक अभिन्ताओं के लिए राज्य स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला प्रदेश में एसटीपी निर्माण के लिए गुणवत्ता परख डीपीआर तैयार करने के लिए मुख्य सचिव, के निर्देशानुसार की गयी है।कार्यशाला का शुभारम्भ दीप-प्रज्ज्वलन के साथ अपर परियोजना निदेशक प्रवीण मिश्र ने किया।

राज्य स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से मुख्य सचिव के निर्देशों पर कार्यशाला आयोजित

कार्यक्रम को आगे बढाते हुए अपर परियोजना निदेशक ने कहा कि किसी भी परियोजना की सफलता उसके डीपीआर की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। डीपीआर तैयारी के दौरान पूर्व के अनुभवों को ध्यान में रखना जरुरी है, लेकिन अपने प्रयासों के माध्यम से आप कितनी और नई चीजें सम्मिलित कर सकते हैं इस पर गहन अध्ययन करना चाहिए।

वर्तमान में तैयार की गयी डीपीआर भविष्य में होने वाले सम्भावित परिवर्तनों के अनुसार भी व्यवहारिक साबित हो इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। प्रो अरुण कुमार, आईआईटी, रुड़की, द्वारा डीपीआर की तैयारियों में आने वाले चुनौतियों व समस्याओं पर विस्तृत व्याख्यान दिया।

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रजत गुप्ता, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, नई दिल्ली द्वारा विभिन्न शहरों में स्थापित एसटीपी के निर्माण में आने वाली समस्याओं का संदर्भ देते हुए डीपीआर की तैयारी में उनके निवारण के लिए सुझाव प्रस्तुत किये।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, नई दिल्ली से डा प्रवीण कुमार, डायरेक्टर तकनीकी, माधव कुमार, निधि द्विवेदी, सुनील कुमार सिंह, डिप्टी सेक्रेटरी तथा राज्य स्वच्छ गंगा मिशन-यूपी से अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यशाला में रत्नेश कुमार सिंह, निदेशक वित्त, एसएमसीजी-यूपी ने प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया और संचालन मिथिलेश मिश्रा, एसएमसीजी द्वारा किया गया।

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