नीरज जी के लिखे गीतों को गुनगुनाकर अर्पित किए श्रद्धासुमन

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लखनऊ। पद्मभूषण डॉ गोपाल दास नीरज की चतुर्थ पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में ऑनलाइन सांस्कृतिक कार्यक्रम, “गीतों के दरवेश : गोपाल दास नीरज – गीत श्रद्धांजलि” का आयोजन किया गया।

यह आयोजन राम दरबार, स्थित हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट कार्यालय, 25/2G इंदिरा नगर, लखनऊ में किया गया। ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल तथा डा.रूपल अग्रवाल ने नीरज जी के चित्र पर पुष्प अर्पण किये। गीत श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शशि शुक्ला, गायक, लखनऊ तथा डॉ अलका निवेदन, गायिका व संचालिका, लखनऊ ने अपने गीतों के माध्यम से नीरज जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

पद्मभूषण डॉ गोपाल दास नीरज की चौथी पुण्यतिथि पर ऑनलाइन सांस्कृतिक कार्यक्रम

बताते चलें कि नीरज जी का हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट से पुराना नाता था, वह ट्रस्ट के संरक्षक थे, वह कहा करते थे कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की विशेषता यह है कि जिसका काम ही है दूसरों की हेल्प करना, यह अपने काम से, अपने नाम को सार्थक कर रहे हैं।

नीरज जी के साथ अपनी अविस्मरणीय यादों को साझा करते हुए हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्षवर्धन अग्रवाल ने बताया कि यह हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का सौभाग्य है कि वर्ष 2014 में गोपालदास नीरज जी ट्रस्ट के संरक्षक के रूप में ट्रस्ट से जुड़े।

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नीरज जी ने अपने मार्गदर्शन में हेल्प यू एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्यों को जनहित के कार्यों के साथ-साथ प्रकाशन के लिए भी प्रोत्साहित किया। नीरज जी के मार्गदर्शन में ट्रस्ट ने बाल गोपाल शिक्षा योजना आरंभ की, कवि सम्मेलन, मुशायरे का आयोजन कराया।

महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत नारी अस्मिता सम्मान राष्ट्रीय एकीकरण के तहत संवाद मोरारी बापू जी का कार्यक्रम, सामाजिक रक्षाबंधन आदि जनहित कार्यक्रम आयोजित किए गए। हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने नीरज जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित कॉफी टेबल बुक “गीतों के दरवेश गोपालदास नीरज” का प्रकाशन किया।

इसका विमोचन स्वयं सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने किया। श्री अग्रवाल ने कहा कि गोपाल दास नीरज हिन्दी साहित्य के कवि और लेखक थे । विभिन्न प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित, उनकी शैली को समझने में आसान माना जाता है, लेकिन इसकी तुलना उच्च गुणवत्ता वाले हिंदी साहित्य से भी की गई है।

उन्हें 1991 में पद्मश्री और 2007 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। नीरज जी एक जीवित किंवदंती थे जिन्होंने पूरी दुनिया में अपनी कविताओं, शायरी और बॉलीवुड गीतों से दर्शकों को हमेशा मंत्रमुग्ध कर दिया है।

हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट अपने प्रशंसकों के बीच “गीतो के दरवेश: गोपाल दास नीरज” पुस्तक लाने के लिए प्रसन्न और सम्मानित महसूस करता है, और हम आशा करते हैं कि यह पुस्तक युवा कवियों के लिए एक सच्ची प्रेरणा होी। पुस्तक युवा कवियों और मार्गदर्शक को प्रोत्साहित करेगी।

हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने वर्ष 2014 से निरंतर नीरज जी का जन्मदिन बहुत वृहद स्तर पर मनाया जिसमें लखनऊ व देश की जानी – मानी हस्तियों ने शिरकत की। नीरज जी इतने सरल व्यक्तित्व के इंसान थे कि इतने महान कवि व गीतकार होते हुए भी वह हमारे ट्रस्ट के कार्यक्रमों व क्रियाकलापों में गहरी रूचि लेते थे।

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कोई भी प्रेम से उन्हें आमंत्रित करें वह वहां चले जाते थे। उनके जैसा हरफन मौला व खुशमिजाज व्यक्तित्व मिलना बहुत मुश्किल है। हम उनकी कमी को पूरा तो नहीं कर सकते क्योंकि उनका जाना सभी संगीत प्रेमियों के लिए अपूरणीय क्षति है लेकिन उनके गीतों के माध्यम से याद करके उन्हें श्रद्धांजलि अवश्य दे सकते हैं।

गीत श्रद्धांजलि सांस्कृतिक कार्यक्रम में शशि शुक्ला, तथा डॉ अलका निवेदन, ने नीरज जी के लिखे गीतों – फूलो के रंग से, दिल की कलम से; दिल आज शायर है, ग़म आज नग़्मा है; शोकिओं में घोला जाये, फूलों का शबाब; कारवाँ गुज़र गया, गुबार देखते रहे; लिखे जो ख़त तुझे, तेरी याद में; खिलते है गुल यहाँ, खिलके बिखरने को; ओ मेरी ओ मेरी ओ मेरी शर्मीली; कैसे कहें हम प्यार ने हमको क्या-क्या खेल दिखाये … को प्रस्तुत कर नीरज जी को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान हेल्प यू ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्षवर्धन अग्रवाल, न्यासी डा.रूपल अग्रवाल तथा स्वयं सेवक भी मौजूद रहे।

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