‘राष्ट्रवाणी सम्मेलन’ में हास्य कवियों ने जमकर गुदगुदाया

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लखनऊ। छावनी स्थित सूर्या ऑडिटोरियम में गुरुवार को प्रधान निदेशालय, रक्षा संपदा, रक्षा मंत्रालय, मध्य कमान, लखनऊ द्वारा आयोजित “राष्ट्रवाणी” सम्मेलन अपनी भव्यता के साथ हुआ।

मध्य कमान के अधीनस्थ 24 छावनी परिषदों और 10 रक्षा संपदा अधिकारी सर्कल के कमान स्तरीय प्रथम संयुक्त राजभाषा सम्मेलन में छावनी परिषद आगरा, इलाहाबाद, बरेली, फतेहगढ़, कानपुर, लखनऊ, शाहजहांपुर एवं वाराणसी तथा रक्षा संपदा कार्यालय आगरा, बरेली, इलाहाबाद एवं लखनऊ की सक्रिय भागीदारी रही।

विश्व के अनेकानेक देशों में लहरा रहा हिंदी का परचम

इस आयोजन में भावना सिंह, प्रधान निदेशक, रक्षा संपदा, मध्य कमान के नेतृत्व व डॉ दीर्घ नारायण यादव, निदेशक (राजभाषा) मध्य कमान के मर्गदर्शन और छावनी परिषद लखनऊ के समन्वयन में अभिषेक सिंह, मुख्य अधिशासी अधिकारी, लखनऊ छावनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

वहीं सम्मेलन से पूर्व सदर बाजार स्थित छावनी चिकित्सालय परिसर में नव स्थापित डायलिसिस सेन्टर का लोर्कापण महानिदेशक, रक्षा सम्पदा द्वारा हुआ।

हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित राजभाषा संबंधी विभिन्न प्रतियोगिताओं (अनुवाद, निबंध लेखन, श्रुति लेख, नोटिंग ड्राफ्टिंग) में पुरस्कार पाने वाले कर्मचारियों को मुख्य अतिथि जी एस रजेस्वरन, महानिदेशक, रक्षा संपदा, रक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली ने प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया।

इस सम्मेलन के दौरान ‘स्वच्छता ही सेवा’ मिशन पर मध्य कमान की सभी 24 छावनी परिषदों द्वारा स्वच्छता के क्षेत्र में, विशेषत: ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में, किए गए कार्यों और उपलब्धियों वाली स्वच्छता पत्रिका “मणिमला” का भी लोकार्पण हुआ।

दीप प्रज्ज्वलन के साथ आरंभ हुए इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि जी एस रजेस्वरन महानिदेशक, रक्षा संपदा, हिंदी भाषा पर मुख्य व्याख्यान देने वाले मूर्धन्य साहित्यकार शिवमूर्ति तथा सम्मेलन में आमंत्रित कवियों को प्रधान मंत्री के नेतृत्व में प्रगतिगामी कार्यक्रम ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के तहत एक-एक स्वस्थ पौध देकर स्वागत किया गया।

सम्मेलन की मुख्य संयोजिका भावना सिंह, प्रधान निदेशक, रक्षा संपदा, मध्य कमान ने कहा कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा और भारतीय संस्कृति का संवर्धन करना है, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में चल रहे ‘स्वच्छता ही सेवा’ के विभिन्न आयामों से को जन-जन तक पहुंचना है।

सम्मेलन के मुख्य अतिथि जी एस रजेस्वरन ने कहा कि हिंदी राजभाषा पूरे भारतवर्ष की प्रभावकरी व कामयाब संपर्क भाषा है और हिंदी भाषा के माध्यम से भारतीय संस्कृति व इसकी विविधताऔर राष्ट्र की अखंडता की कड़ी मजबूत होती गई है। उन्होंने अनुरोध किया कि हिंदी भाषा में कामकाज को और भी बढ़ावा देते रहें।

वर्तमान में चल रहे स्वच्छता पखवाड़ा के बारे में उन्होंने रक्षा संपदा विभाग, रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ पूरे देश में सभी 61 छावनी परिषदों द्वारा चलाए जा रहे ‘स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता’ की पृष्ठभूमि में बताया कि इस वर्ष सभी छावनी परिषदों ने छावनियों के उन ‘ब्लैक स्पॉट’ पर फोकस किया है जो अमूमन नियमित सफाई कार्य से अछूते रह जाते हैं।

“राष्ट्रवाणी” के आयोजन के लिए उन्होंने प्रधान निदेशालय, रक्षा संपदा, मध्य कमान की प्रशंसा की। वहीं राजभाषा सम्मेलन में हिंदी साहित्य के मूर्धन्य साहित्यकार शिवमूर्ति ने “हिंदी: वर्तमान स्वरूप एवं भविष्य” पर अपने व्याख्यान में बताया कि पिछले 100 वर्षों में हिंदी भाषा किस प्रकार हिंदी पट्टी से आगे निकलकर पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैलते हुए विश्व के अनेकानेक देशों में अपना परचम लहरा रहा है।

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उन्होंने बताया कि हिंदी साहित्य, वैश्विक बाजार, हिंदी सिनेमा, हिंदी गीत के माध्यम से किस प्रकार यह जन-जन की भाषा बनती गई है और अपनी तरलता और सहजता के कारण विभिन्न देशों के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता आया है।

वहीं सम्मेलन के दूसरे सत्र में अखिल भारतीय स्तर का एक मनमोहक कवि गोष्ठी भी संपन्न हुई, जिसमें हास्य-व्यंग एवं ओज विधा में अपनी अपनी पकड़ रखने वाले विभिन्न कवियों डॉ विष्णु सक्सेना, दिनेश रघुवंशी, डॉ प्रवीण शुक्ला, सर्वेश अस्थाना, गजेंद्र प्रियांशु, डॉ सोनरूपा विशाल, पंकज प्रसून जैसे कवियों ने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।

श्रोताओं से खचाखच भरा विशाल ऑडिटोरियम बीच-बीच में हंसी के गुब्बारे से तरंगित होता रहा और श्रोतागण हंस-हंस कर लोटपोट होते रहे। इस दौरान सदर व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतबीर सिंह राजू ने भी सक्रिय योगदान दिया।

डॉ दीर्घ नारायण यादव, निदेशक (राजभाषा) मध्य कमान द्वारा सभी अतिथियों, श्रोताओं एवं अन्य प्रतिभागियों को दिए गए धन्यवाद के साथ ही राष्ट्रवाणी सम्मेलन का समापन हुआ। लखनऊ शहर में हिंदी भाषा को लेकर आयोजित यह सम्मेलन अपने आप में अनूठा था और अपने नयापन के साथ इसने लखनऊ वासियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।

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