लखनऊ। भाकृअनुप – भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में सोमवार को संस्थान के प्रेक्षागृह में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय आज के समय की सबसे बड़ी समस्या साइबर क्राइम रखा गया था जिसके माध्यम से बहुत सारे लोगो को विभिन्न प्रकार के ठगी का शिकार बनाया जा रहा है।
भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में साइबर क्राइम विषय पर कार्यशाला आयोजित
इस कार्यशाला के विषय की महत्ता एवं अतिथियों का स्वागत एवं उनके बारे में जानकारी संस्थान के राजभाषा प्रभारी डॉ अजय कुमार साह ने दी। विषय पर व्याख्यान के लिए उत्तर प्रदेश के साइबर सेल के अधिकारी सौरभ मिश्रा, अजय सिंह, गोविंद एवं सुनील कुमार थे।
इस दौरान सौरभ मिश्रा ने बताया कि ठगी करने वाले हमेशा उस दौरान के जो ज्वलंत मुद्दे होते हैं उसको विषय के रूप में चुनते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रभावित कर सकें। उन्होने बताया की आज भी बहुत सारी ठगी व्हाट्सएप और फेसबूक के माध्यम से किया जा रहा है।
पहले तो सभी लोग अपने व्हाट्सएप को टू स्टेप वेरिफेकेसन एवं फेसबूक के प्रोफाइल को लाक कर देवें। जिससे की उसके माध्यम से होने वाले फ़्राड को कम किया जा सके, साथ उन्होने यह भी कहा की फ़्राड से बचाने के लिए दो चीजें बहुत जरूरी है लालच और आलस्य को त्याग दिया जाए।
क्योंकि लालच तथा शिथिलता के कारण ही लोग साइबर क्राइम के चंगुल में फसते हैं। श्री अजय सिंह ने बताया की किस तरह अनजान व्हाट्सएप काल के द्वारा लोगो को ठगा जा रहा है, तथा उससे कैसे बचा जा सकता हैं।
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उन्होने यह भी बताया की ठगी होने पर सर्वप्रथम साइबर क्राइम के हेल्प लाइन 1930 नंबर पर फोन कर अपनी शिकायत जल्द से जल्द दर्ज करवा कर भारत सरकार के cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करके स्थानीय पुलिस में साइबर सेल को बैंक के स्टेटमेंट या अन्य संबन्धित दस्तावेज़ के साथ शिकायत दर्ज कराएं।
ताकि उस पर कारवाई की जा सके। श्री गोविंद ने बताया की कैसे आज कल ऑन लाइन गेम और लोन एप के माध्यम से ठगी की जा रही है, उसी क्रम में उन्होने बताया की हर व्यक्ति लिंक, ओटीपी पर क्लिक करने एवं देने से बचे केवल बचाव ही माध्यम है और कोई तरीका नहीं है जिससे साइबर ठगी को रोका जा सकता है।
इसके बाद सुनील कुमार जी ने बताया कि किस प्रकार बिना ओटीपी आए आज कल बैंक से पैसे निकाल लिया जा रहा है तथा उससे बचने के उपाय पर भी चर्चा किया गया।
संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी महोदय ने कार्यशाला के अंत में धन्यवाद ज्ञापन दिया एवं कार्यशाला का संचालन श्री अभिषेक कुमार सिंह, हिंदी अधिकारी द्वारा दिया गया। इस कार्यशाला में संस्थान के लगभग 150 कार्मिकों ने भाग लिया।