कोरोना काल के बाद विज्ञान पत्रकारिता के क्षेत्र में बढ़ी हैं अपार संभावनाएं

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लखनऊ। रेडियो जयघोष संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश और जिम्सी कानपुर की मीडिया कार्यशाला के पांचवे दिन शनिवार को आमंत्रित “आईआईटीआर” के पूर्व प्रिंसिपल, साइंटिस्ट डॉ.उमा शंकर ने बताया कि कोरोना के वैश्विक संकट काल ने लोगों को विज्ञान से जुड़ने का व्यापक अवसर दिया।

सफल एंकर वह है जो पूरे आयोजन का सहजता से एक सूत्र में बांध ले

इस अवसर पर एंकर डॉ.अनीता सहगल वसुंधरा, आर.जे.राधेश्याम दीक्षित, आर.जे.समरीन ने एंकरिंग और वॉयस मॉड्यूलेशन का अभ्यास करवाया। डॉ.उमा शंकर ने बताया कि विज्ञान के प्रति पर्याप्त जागरुकता न होने से आमजन का आपेक्षित विकास नहीं हो रहा है वहीं उनकों बेवजह नुक्सान भी उठाना पड़ रहा है।

वैज्ञानिक अनुसंधानों को प्रसारित करने से पहले उसकी जनोपयोगिता और सत्यता को अवश्य परख लेना चाहिए। विज्ञान की अपनी तकनीकी भाषा होती है ऐसे में उसे आम किसान तक पहुंचाने के लिए उसे सहज बनाने का महती दायित्व पत्रकार का ही होता है।

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साइंसटून ने जनजागृति लाने में अहम् योगदान दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना के प्रति भी लोगों को जागरुक करने का संदेश दिया। उन्होंने हिन्दी भाषा में वैज्ञानिक शोधपत्रों की नई परंपरा का स्वागत किया। इसके साथ ही उन्होंने स्वस्थ रहने के लिए ऑर्गेनिक खेती के प्रति लोगों को जागरुक किया।

वरिष्ठ एंकर डॉ.अनीता सहगल वसुंधरा ने सफल एंकरिंग के विषय पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एंकर का व्यक्तित्व ही उसका पहला परिचय होता है। ऐसे में जितनी आवश्यकता एंकरिंग, के लिए विषयवस्तु की होती है उतनी ही जरूरत उसके अनुरूप पहनावे की भी होती है।

उन्होंने कहा कि एंकर का दायित्व पूरे आयोजन को एक सूत्र में पिरोने का होता है। मुश्किल परिस्थितियों में एंकर, जहाज के लंगर की तरह पूरे आयोजन को संभालता है। अच्छे एंकर के पास शब्द ज्ञान का भंडार होना चाहिए वहीं उसकी सामान्य ज्ञान पर भी अच्छी पकड़ होनी चाहिए।

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सफल एंकर वही होता है जो न केवल पूरे आयोजन की हर बारीकियों को जाने बल्कि वह आयोजन में समय से पहले पहुंच जाए। एंकर को पद, धन आदि का अहंकार नहीं होना चाहिए। सहजता ही उसका वास्तविक अलंकरण होता है।
रेडियो जयघोष के आर.जे.राधेश्याम दीक्षित और आर.जे.समरीन ने इस अवसर पर एंकरिंग का अभ्यास भी करवाया।

उसमें वॉयस आर्टिंस्ट तबस्सुम फारुकी ने रोजगार मेला, सरिता ने पैन आधार लिंक, ज्योति ने ललितपुर के सामूहिक तालाब पर समाचार पढ़ा।

इस क्रम में थोक दवा व्यापारी सुरेन्द्र कुमार मिश्र ने राम मंदिर निर्माण, उद्यमी नीलू शुक्ला ने अमरनाथ यात्रा, अध्यापिका डॉ.सुमन मिश्रा ने सरकारी योजना, डांस टीचर रत्ना अस्थाना ने कांवड़ यात्रा, छात्रा गौरी जायसवाल ने खेल, वेब डेवलपर भूपेन्द्र नाथ चौधरी ने सड़क हादसा, अध्यापिका रचना श्रीवास्तव ने गुरु पूर्णिमा, फैशन डिजाइनर अलका चतुर्वेदी ने मौसम समाचार का वाचन किया।

इस कार्यशाला के पांचवे दिन जिम्सी कानपुर के एसोसिएट प्रो.रामकृष्ण बाजपेई, रेडियो जयघोष के समन्वयक डॉ.दुर्गेश पाठक सहित अन्य उपस्थित रहे। 27 जून से 2 जुलाई तक आयोजित इस कार्यशाला का समापन समारोह रविवार को अकादमी परिसर में होगा।

इसमें मुख्य अतिथि के रूप में अयोध्या कुमारगंज स्थित आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.विजेंद्र सिंह और विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार और शिक्षाविद् नरेन्द्र भदौरिया को आमंत्रित है।

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