सुगंधित तेलों के उत्पाद तथा निर्यात में सीमैप की महत्वपूर्ण भूमिका

0
236

लखनऊ: सीएसआईआर-सीमैप में 10 दिवसीय किसान मेले के पांचवे दिन किसान मेला संयोजक, डॉ. संजय कुमार ने किसान मेला-2022 में आए हुए कृषकों व अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया तथा किसान मेला में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में बताया।

किसान मेला में पधारे डॉ.अरुण चन्दन (क्षेत्रीय निदेशक, राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, आयुष मंत्रालय, नई दिल्ली) का स्वागत व अभिनंदन किया। डॉ.अरुण चन्दन ने किसानों को राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड द्वारा चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं व वित्तीय सहायता किसानों के लाभ हेतु जानकारी प्रदान की।

उन्होने आगे कहा कि किसानों को औषधीय पौधों की वैज्ञानिक खेती, उन्नत प्रजातियों व प्रमाणीकरण व भंडारीकरण को अपनाएं ताकि उत्पादन की गुणवत्ता बनी रहे जिससे अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय बाजार में अच्छा मूल्य मिल सके ।

उन्होने यह भी बताया कि राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड की वेबसाइट पर या ई चरक एप्प को डाउन लोड कर, उत्पादित औषधीय पौधों की जानकारी देकर बिक्री व खरीददारी कर सकते हैं तथा औषधीय पौधों की खेती को ग्रामीण मंत्रालय के द्वारा चलाई जा रही मनरेगा परियोजना से भी जोड़ा जा चुका है ।

किसानो द्वारा औषधीय खेती मे लगाई गई लागत का 30 प्रतिशत तक का अनुदान भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके पश्चात डॉ. करुणा शंकर (वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीमैप) ने किसानों को बताया कि आज-कल आर्गेनिक खेती की मांग बढ़ रही है इसलिए किसानों को आर्गेनिक खेती करनी चाहिए ।

इसके लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया से आर्गेनिक खेती को प्रमाणित कराना बेहद जरूरी होगा । इसके लिए लगभग तीन साल तक अपने उत्पाद का गुणवत्ता परीक्षण कराना अनिवार्य होता है।

अजमल ग्रुप, मुंबई के प्रतिनिधि जमील अहमद ने सगंधीय तेलों की बढ़ती मांग व खरीददारी के बारे में बताया और सगंधीय तेलों की क्वालिटी बरकरार रखना बहुत जरूरी है ताकि किसानों को अच्छा मूल्य मिल सके, और सगंधीय तेलों को खरीदने का आश्वासन भी दिया ।

आज किसान गोष्ठी का संचालन डॉ.सौदान सिंह (मुख्य वैज्ञानिक) ने किया तथा किसानों के अगेती मिंट तकनीकी के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। डॉ.संतोष केदार (वैज्ञानिक सीएसआईआर-सीमैप) ने औषधीय एवं सुगंधित पौधों को हानि पहुंचाने वाले कीटों का नियंत्रण कैसे किया जाये की जानकारी किसानों से साझा की।

राम लखन (तकनीकी अधिकारी, सीएसआईआर-सीमैप) सगंधीय के आसवन विधियों व सावधानियों के बारे में अवगत कराया । डॉ. तृप्ता झंग, प्रधान वैज्ञानिक ने अश्वगंधा की उन्नत कृषि तकनीकी व डॉ. प्रियंका सूर्यवंशी, वैज्ञानिक, ने ड्रिप सिंचाई विधि को अपनाने से होने वाले लाभों से अवगत कराया ।

डॉ. राम सुरेश शर्मा ने नीबूघास तथा डॉ. ऋषिकेश एन. भिसे ने पामरोजा की उन्नत कृषि तकनीकी को किसानों के साथ साझा की । सवाल-जवाब सत्र में उपस्थित डॉ. सौदान सिंह, मुख्य वैज्ञानिक, डॉ.वीआर सिंह, मुख्य वैज्ञानिक, डॉ. संजय कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ.आरके श्रीवास्तव, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. राम सुरेश शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. ऋषिकेश एन. भिसे, वैज्ञानिक, डॉ. संतोष कुमार केदार, वैज्ञानिक, आदि उपस्थित रहे ।

किसान मेला में मेंथा, जिरेनियम, नीबूघास, तुलसी तथा अन्य औषधीय एवं सगंधीय पौधों की पौध सामग्री की खरीदी किसानों ने की । अगेती मेंथा तकनीकी व अन्य औषधीय एवं सगंध पौधों के रोपण विधियों व उनके आसवन विधियों का सजीव प्रदर्शन किसानों को कराया गया ।  पांचवे दिन कार्यक्रम का संचालन तथा आभार प्रदर्शन डॉ. ऋषिकेश ने किया ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here