पीएम मोदी के हालिया संबोधन ने उत्तर प्रदेश में विकास, विरासत और नेतृत्व के समन्वय को केंद्र में ला दिया। राष्ट्र प्रेरणा स्थल के लोकार्पण पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की विशेष सराहना करते हुए उस परिवर्तन को रेखांकित किया, जिसमें 30 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला दशकों पुराना कूड़े-कचरे का पहाड़ केवल तीन वर्षों में पूरी तरह समाप्त कर दिया गया।
उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय मुख्यमंत्री योगी के साथ-साथ श्रमिकों, कारीगरों और योजनाकारों को देते हुए सभी को हार्दिक बधाई दी। इसी कड़ी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी लखनऊ में भव्य राष्ट्र प्रेरणा स्थल के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी।

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार को उत्तर प्रदेश में दूसरी बार ‘अटल’ सम्मान प्राप्त हुआ, जिसे प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेशवासियों के लिए “विरासत पर गर्व की अनुभूति” के रूप में देखा गया।

यह अनुभूति पहली बार नहीं थी—योगी शासन के छह वर्षों के भीतर दूसरी बार तब महसूस हुई, जब प्रधानमंत्री ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया।
अटल बिहारी वाजपेयी का लखनऊ से विशेष लगाव सर्वविदित रहा है। अपने संपूर्ण राजनीतिक जीवन में उन्होंने लखनऊ को सदैव प्राथमिकता दी, और योगी सरकार ने उनकी स्मृतियों को निरंतर संजोकर रखा।
इस क्रम में पहली महत्वपूर्ण पहल 25 दिसंबर 2019 को हुई, जब मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकभवन में अटल बिहारी वाजपेयी की 25 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया।
ठीक छह वर्ष बाद, 25 दिसंबर 2025 को वाजपेयी के जन्म शताब्दी महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री ने 65 फीट ऊंची भव्य कांस्य प्रतिमा राष्ट्र को समर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह—तीनों के उद्बोधनों में राष्ट्र, राम और महापुरुषों के प्रति सम्मान की स्पष्ट झलक दिखाई दी।
प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत “भारत माता की जय” के उद्घोष से की, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “सियावर रामचंद्र भगवान की जय” के जयकारे के साथ प्रदेशवासियों की भावनाओं से सीधा जुड़ाव स्थापित किया।
तीनों नेताओं ने पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी के कृतित्व पर प्रकाश डाला। साथ ही महामना मदन मोहन मालवीय और महाराजा बिजली पासी की जयंती पर उन्हें स्मरण कर वर्तमान पीढ़ी को देश के गौरवशाली इतिहास से परिचित कराने का संदेश दिया।
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