डा.सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान में उत्तराखण्ड राज्य के जेल अधिकारियों एवं जेल वार्डर संवर्ग के कार्मिकों के प्रशिक्षण सत्र का शुभारम्भ हुआ। यह उल्लेखनीय है कि डा.सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान 1 अगस्त 1940 से लखनऊ में स्थापित है,
जिसे देश के विभिन्न राज्यों के कारागार अधिकारियों एवं कार्मिकों को प्रशिक्षित किए जाने का गौरव प्राप्त है तथा वर्तमान में उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं उत्तराखण्ड के कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पुलिस महानिदेशक कारागार डा.एसएन साबत द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
उप महानिरीक्षक कारागार/निदेशक एसजेटीआई, लखनऊ शैलेन्द्र मैत्रेय द्वारा प्रशिक्षण की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण संस्थान में सुविधाएँ एवं अनुशासन के बारे में अवगत कराया। उप महानिरीक्षक सुभाष चन्द्र शाक्य ने प्रशिक्षण के प्रकार और महत्वपूर्ण तत्वों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
पुलिस महानिदेशक कारागार डा.एसएन साबत द्वारा बताया गया कि यह महत्वपूर्ण समय संधिकाल का समय है क्योंकि न्याय प्रणाली में कई परिवर्तन हो रहे हैं,
जैसे कि पुराने कानून जैसे प्रिजन्स एक्ट 1894 की जगह मॉडल प्रिजन्स एक्ट 2023, नया जेल मैनुअल 2022 एवं भारतीय न्याय संहिता आदि नये कानून स्थापित हो रहे हैं, जिन्हें बेहतर ढंग से सीखना आवश्यक है।
साथ ही उन्होंने ओवरक्रॉउडिंग, बंदियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं, महिला बंदी एवं उनके साथ रह रहे बच्चों के लिए किये जा रहे प्रयास, रैडीक्लाइजेशन, कौशल विकास और शिक्षा के बारे में बात की। कार्यक्रम के अन्त में पुलिस महानिदेशक ने सभी प्रशिक्षुओं से वार्तालाप भी किया तथा उन्हें अनुशासित रहकर प्रशिक्षण में विशेष रूचि लेने के लिये प्रेरित किया गया।
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