उत्तर प्रदेश कारागार मुख्यालय पर मनाया गया स्वतंत्रता दिवस समारोह

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लखनऊ। स्वतंत्रता दिवस और आजादी का अमृत महोत्सव उत्तर प्रदेश कारागार मुख्यालय पर परंपरागत हर्षोल्लास और गरिमा के साथ मनाया गया। सबसे पहले मुख्यालय प्रांगण में स्थापित शहीद स्मारक पर डीजी जेल आनन्द कुमार, तथा मुख्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की।

शैलेंद्र कुमार मैत्रेय, संतलाल सहित जेल के अन्य 34 अधिकारियों कर्मियों को कमेंडेशन डिस्क

इस स्मारक पर जेल की सेवा करते हुए प्राणों की आहुति देने वाले शहीद जेल अधिकारियों व कर्मियों के नाम अंकित है। उन्होंने कारागार विभाग की उत्कृष्ट सेवा हेतु डीआईजी जेल मुख्यालय शैलेंद्र कुमार मैत्रेय, जेल अधीक्षक मुख्यालय संतलाल सहित जेल मुख्यालय के अन्य 34 अधिकारियों /कर्मचारियों को कमेंडेशन डिस्क और प्रशंसा पत्र प्रदान किये।

वहीं अमृत महोत्सव सप्ताह के दौरान सभी जेल अधिकारियों कर्मचारियों ने अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाए हैं। जेलों और कारागार मुख्यालय भवन पर बिजली की रोशनी की गई है। जेलों और कारागार मुख्यालय में निरंतर सफाई अभियान चलाया जा रहा है।

शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद डीजी जेल द्वारा मुख्यालय भवन पर सुबह 8 बजे पीएसी के बैंड द्वारा बजाए गए राष्ट्रगान की सुमधुर धुन के मध्य झंडारोहण किया गया।

झंडारोहण के बाद डीजी जेल आनन्द कुमार ने कहा कि आजादी के इस अमृत महोत्सव के दिन हम सभी को गर्व है कि हमारे देश ने इन 75 वर्षों में बहुत तेजी से प्रगति की है और बड़ी उपलब्धियां अर्जित की हैं।

उन्होंने आगे कहा कि 1947 तक अंग्रेजों की शोषण उत्पीड़न की नीति तथा उपनिवेश की मानसिकता के कारण हमारे देश में खाद्यान्न का उत्पादन भी इतना नहीं था कि सबको दो जून की रोटी मिल सके। आज हमारा देश न सिर्फ खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर है बल्कि दूध मक्खन के उत्पादन के मामले में दुनिया में शीर्ष पर है।

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इसी प्रकार हमारी सेना दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है, स्पेस टेक्नोलॉजी के मामले में भी हम विश्व में सिरमौर हैं। विगत तीन-चार वर्षों में कारागार विभाग की उल्लेखनीय उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एक समय था जब जेलों का माहौल अच्छा नहीं था और सिर्फ भ्रष्टाचार, शोषण, उत्पीड़न, पलायन, हिंसात्मक घटनाओं और मोबाइल के प्रयोग और वायरल वीडियो के लिए ही जेलों की चर्चा होती थी।

दूसरी ओर आज जेलों में बंदियों की उच्च शिक्षा, हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के इम्तिहान में बंदियों द्वारा उच्च अंक पाने, जेलों में चल रहे बंदी पुनर्वास और कौशल विकास के विभिन्न कार्यक्रम जेलों में ऑटोमेटिक पाकशाला उपकरणों, उच्च तकनीकी के प्रयोग द्वारा जेलों में अचूक सुरक्षा प्रबंध सीसीटीवी कैमरे ड्रोन कैमरे आदि द्वारा जेलों का प्रबंधन अचूक हुआ है और जेलों की छवि में व्यापक सुधार हुआ है।

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सिर्फ तकनीकी ही नहीं जेलों में कुख्यात अपराधी और माफियाओं को आज जेलों के अनुशासन का पता चल रहा है और वे कानून व्यवस्था के झंडे के नीचे जेल काट रहे हैं।

डीजी जेल ने आगे कहा कि उनकी नीति है कि अच्छे कार्य करने वाले जेल अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जाए और इस हेतु उनके द्वारा प्रारंभ की गई कमेंडेशन डिस्क और प्रशंसा पत्र की व्यवस्था से जेल कर्मियों का मनोबल ऊंचा हुआ है। वहीं बढ़ चढ़कर विभाग हित में काम करने को तत्पर हुए हैं।

आज डीजी जेल आनंद कुमार, पुलिस महानिरीक्षक प्रीतिंदर सिंह, अपर महानिरीक्षक कारागार श्रीमती चित्रलेखा सिंह, उप महानिरीक्षक कारागार शैलेंद्र मैत्रेय, वरिष्ठ जेल अधीक्षक आरके मिश्रा, जेल अधीक्षक संतलाल ने वृक्षारोपण भी किया। कार्यक्रम के समापन पर सभी जेल कर्मियों को मिष्ठान वितरण किया गया।

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