भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर जीत से रचा नया इतिहास, महिला विश्व कप फाइनल में पहुंचा

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Getty Images

नई दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वह कर दिखाया जो अब तक सिर्फ सपना लगता था। ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीम को सेमीफाइनल में 5 विकेट से हराकर भारत ने महिला विश्व कप के फाइनल में प्रवेश कर इतिहास रच दिया। यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के आत्मविश्वास की नई परिभाषा बन गई।

ऑस्ट्रेलिया, जिसने पूरे टूर्नामेंट में एक भी मुकाबला नहीं गंवाया था, भारतीय बल्लेबाजों की आंधी के आगे टिक न सकी। 338 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 9 गेंद शेष रहते जीत हासिल की — यह अब तक विश्व कप इतिहास में भारत का सबसे बड़ा सफल रन चेज रहा।

शुरुआती दो झटकों के बाद (शेफाली वर्मा 10, स्मृति मंधाना 24), मैदान पर आईं कप्तान हरमनप्रीत कौर और जेमिमा रोड्रिग्स ने वह किया जो यादगार बन गया। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 178 रनों की साझेदारी कर भारत की पारी को संभाला।

जेमिमा ने अपने करियर की सबसे परिपक्व और आत्मविश्वास भरी पारी खेलते हुए शानदार शतक जड़ा। वहीं, हरमनप्रीत ने 88 गेंदों में 89 रन की कप्तानी पारी खेली — हर स्ट्रोक में नेतृत्व की झलक थी।

अंतिम ओवरों में जब रन रेट बढ़ने लगा, दीप्ति शर्मा (17 गेंदों में 24) और ऋचा घोष (16 गेंदों में 26) ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर जीत को निर्णायक बना दिया।

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने लिचफील्ड (119), पैरी (77) और गार्डनर (63) की मदद से 49.5 ओवर में 338 रन बनाए। भारत ने कुछ आसान कैच छोड़े और फील्डिंग में चूक की, लेकिन बल्लेबाजों ने हर गलती की भरपाई बल्ले से कर दी।

भारत अब खिताब के लिए साउथ अफ्रीका से भिड़ेगा, जिसने इंग्लैंड को हराकर पहले ही फाइनल में जगह बना ली थी। यह जीत सिर्फ फाइनल में जगह बनाने तक सीमित नहीं है — यह उस मानसिकता का सबूत है कि भारतीय महिला टीम अब किसी भी लक्ष्य, किसी भी विपक्षी से डरती नहीं।

हरमनप्रीत और जेमिमा की यह साझेदारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन जाएगी — कि “भारतीय नारी क्रिकेट” अब ‘चैलेंजर’ नहीं, बल्कि ‘चैंपियन’ बनने के लिए तैयार है।

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