कोलंबो, श्रीलंका: भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम ने पीडी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में इंग्लैंड को 79 रनों से हराकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
एफटीजेड क्रिकेट ग्राउंड, कटुनायके में खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में 197/4 का मजबूत स्कोर खड़ा किया, जिसके जवाब में इंग्लैंड की टीम 118 रनों पर सिमट गई।
भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान विक्रांत केनी ने पूरे टूर्नामेंट में टीम का शानदार नेतृत्व किया। इस ऐतिहासिक जीत पर उन्होंने कहा, “पीडी चैंपियंस ट्रॉफी में इस अद्भुत टीम का नेतृत्व करना मेरे करियर का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है। प्लेऑफ तक के हमारे सफर ने इस टीम में प्रतिभा और संघर्ष करने की अदम्य भावना को दिखाया है।
हर खिलाड़ी ने इस ऐतिहासिक जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह ट्रॉफी सिर्फ हमारी नहीं, बल्कि हर उस दिव्यांग व्यक्ति की है जिसने कभी भारत के लिए क्रिकेट खेलने का सपना देखा है।”
फाइनल में योगेंद्र भदौरिया ने शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए 40 गेंदों में 73 रन बनाए, जिसमें चार चौके और पांच छक्के शामिल थे। उनका स्ट्राइक रेट 182.50 रहा।
गेंदबाजी में भारत के राधिका प्रसाद ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 3.2 ओवर में 19 रन देकर चार विकेट चटकाए। कप्तान विक्रांत केनी ने अपनी हरफनमौला क्षमता का प्रदर्शन करते हुए तीन ओवर में 15 रन देकर दो विकेट लिए, जबकि रवींद्र सांते ने अपनी चार ओवरों की गेंदबाजी में 24 रन देकर दो विकेट हासिल किए।
टीम के मुख्य कोच रोहित जलानी ने टीम की उत्कृष्ट तैयारी और प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा, “लड़कों ने पूरे टूर्नामेंट में जबरदस्त जज्बा दिखाया,
विभिन्न परिस्थितियों के अनुरूप खुद को ढाला और हर चुनौती का डटकर सामना किया। इस जीत को खास बनाता है सिर्फ ट्रॉफी नहीं, बल्कि जिस तरीके से हमारी टीम ने खेला – दिल, दृढ़ता और उस भावना के साथ जो भारतीय क्रिकेट की सबसे बड़ी पहचान है।”
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बीसीसीआई की दिव्यांग क्रिकेट समिति के सदस्य रवि चौहान ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “यह जीत हमारे खिलाड़ियों की अटूट भावना और भारत में दिव्यांग क्रिकेट की बढ़ती ताकत का प्रमाण है।
डीसीसीआई ने हमेशा हमारे क्रिकेटरों की क्षमता पर विश्वास किया है और आज उन्होंने साबित कर दिया कि वे विश्व विजेता हैं। यह जीत अनगिनत अन्य खिलाड़ियों को खेल को अपनाने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी।”
यह जीत भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और शारीरिक रूप से दिव्यांग क्रिकेटरों की अद्भुत प्रतिभा और दृढ़ संकल्प को उजागर करती है। भारत की शारीरिक रूप से दिव्यांग क्रिकेट परिषद (डीसीसीआई) के मार्गदर्शन में टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है।