भारतीय दृष्टिबाधित जूडोकाओं ने जापान में लहराया तिरंगा 

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लखनऊ। 12 साल के लम्बे इंतज़ार के बाद भारतीय दृष्टिबाधित जूडो टीम ने जापान में सम्पन्न हुई आईबीएसए जूडो टोक्यो इंटरनेशनल ओपन टूर्नामेंट में एक स्वर्ण व एक रजत पदक जीता।

इसमें मध्य प्रदेश के कपिल परमार ने – 60 किग्रा. भारवर्ग में राउण्ड रोबिन में इन्डोनेशिया के जुनैदी, उज्बेकिस्तान के अब्दुरयामोनोव इसोकजोन व शुकुरोव सुखरोब एवं कोरिया के किम हयोनबिन, चारों को हराकर स्वर्ण पदक जीता।

हरियाणा की कोकिला ने – 48 किग्रा. भारवर्ग में राउण्ड रोबिन में उज्बेकिस्तान की खामिदोवा शोइरा को हराकर फाइनल में प्रवेश किया एवं जापान की फुजिवारा यूई से हारकर रजत पदक जीता।

यूपी  की गुलशन ने – 57 किग्रा. भारवर्ग में राउण्ड रोबिन में जापान की कूदो हिरोको, ईषी अयूमी एवं हिरोज़ जुंको से हारकर पाँचवा स्थान प्राप्त किया।

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कोकिला एवं कपिल इण्डियन पैरा जूडो एकेडमी, लखनऊ में लगातार जूडो का अभ्यास कर रहे हैं। साथ ही सभी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जाने से पूर्व  शिविर में रहते है।

इससे पूर्व भारतीय दृष्टिबाधित  जूडो टीम ने कॉमेनवेल्थ चैम्पियनशिप में स्वर्ण एवं रजत पदक जीते हैं, लेकिन विश्व स्तर की चैंपियनशिप में यह उनकी पहली सफलता है। यह जानकारी जापान से इंडियन ब्लाइंड एण्ड पैरा जूडो एसोसिएशन के महासचिव श्री मुनव्वर अंज़ार ने अपनी एक प्रेस विज्ञप्ति में दीं।

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