आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सभी दल साथ

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साभार : गूगल

पूरा देश पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ भारतीय सेनाओं के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर एकजुट है। सरकार से लेकर विपक्ष तक, सभी एकमत होकर सेना के साथ खड़े हैं। अब राष्ट्रीय सुरक्षा के इस मुद्दे पर साथ देने के लिए मोदी सरकार ने विपक्ष को धन्यवाद कहा है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सरकार का समर्थन करने की बात बोली। इस बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सभी दलों ने इस संवेदनशील मुद्दे पर परिपक्वता दिखाई और सरकार के साथ एकजुटता जताई। इस दौरान उन्होंने विपक्ष सहित सभी नेताओं का समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस सर्वदलीय बैठक में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। रिजिजू ने बताया कि सभी नेताओं ने इस ऑपरेशन के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

उन्होंने कहा, “आज की सर्वदलीय बैठक बहुत अच्छी तरह से हुई। बहुत गंभीर विषय था। सभी ने गंभीरता से अपनी बात को रखा है। रक्षा मंत्री ने सभी को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में, परिस्थिति के बारे में, हालातों के बारे में और सरकार की मंशा को लेकर जानकारी दी।

उसके बाद सभी नेताओं ने अपने सुझाव दिए। इस समय जब हम सब एक बहुत बड़ी चुनौती को लेकर काम कर रहे हैं, तो इसमें राजनीति की कोई जगह नहीं है। ये हमारे सभी राजनीति दलों ने दिखाया।

सभी नेताओं ने परिपक्वता दिखाई है। सभी ने सशस्त्र बलों को ऑपरेशन सिंदूर के लिए बधाई दी और कहा कि हम सरकार और सशस्त्र बलों का समर्थन करेंगे।

सभी ने कहा कि सरकार क हाथ देंगे। हमें कुछ सुझाव भी मिले हैं…सांसदों ने अपनी-अपनी चिंताएं बताई हैं। हमने सभी का सुझाव भी लिया है। सभी राजनीति दलों ने ये बात बताई की पूरा देश एक साथ है।”

रिजिजू ने आगे कहा, “रक्षा मंत्री ने कहा कि आज की बैठक में ये दर्शाता है कि हम सिर्फ सरकार बनाने के लिए राजनीति नहीं करते हैं, बल्कि देश बनाने के लिए राजनीति करते हैं।

इससे झलकता है कि भारत एक परिपक्वता लोकतंत्र है। कोई तू तू-मैं मैं नहीं हुई। कोई छोटी-मोटी बातों को लेकर बयानबाजी नहीं हुई। देशभर में सभी राजनीतिक दलों के बयान एक लाइन में आ रहे हैं। ये भी अच्छी बात है।”

रिजिजू के अनुसार, नेताओं ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सभी भारतीयों की सुरक्षा के मुद्दे पर अपनी चिंताओं को भी साझा किया, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में, लेकिन सरकार को पूरा समर्थन देते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में राष्ट्र एकजुट है।

उन्होंने कहा, “रक्षा मंत्री ने बैठक में कहा कि यह एक जारी अभियान है इसीलिए वह भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तकनीकी विवरण साझा नहीं कर सकते।”

रिजिजू के मुताबिक, यही कारण है कि सशस्त्र बलों के कोई भी अधिकारी सर्वदलीय बैठक में मौजूद नहीं थे, क्योंकि वे अभियान में व्यस्त हैं।

उन्होंने कहा कि सभी नेताओं ने एक स्वर में बात की और परिपक्वता दिखाई तथा सरकार और सशस्त्र बलों को पूरा सहयोग देने का वादा किया। उन्होंने कहा, “राजनीतिक नेताओं ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई कार्रवाई के लिए सशस्त्र बलों को बधाई भी दी।”

‘ऑपरेशन सिंदूर’ का यह कदम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में उठाया गया, जिसमें 26 नागरिकों, मुख्य रूप से पर्यटकों की मौत हो गई थी।

इस हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान और PoJK में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन को “केंद्रित, मापा हुआ” करार देते हुए सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ भारत के अधिकार और संकल्प को दर्शाती है।

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